नागपुर/नासिक
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर सोशल मीडिया पर की गई एक विवादित पोस्ट के मामले में लोकनीति-CSDS के सह-निदेशक और चुनाव विश्लेषक संजय कुमार के खिलाफ नागपुर और नासिक पुलिस ने प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है।
अधिकारियों ने बताया कि यह मामला भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं—धारा 175, 353(1)(b), 212 और 340(1)(2)—के तहत दर्ज किया गया है। इन धाराओं में भ्रामक सूचना फैलाने और चुनाव संबंधी उल्लंघन के प्रावधान शामिल हैं।
नागपुर (ग्रामीण) एसपी हर्ष पोद्दार ने कहा,“तहसीलदार रामटेक की शिकायत पर यह FIR दर्ज की गई है। आरोपों की गंभीरता देखने के बाद संजय कुमार को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा।”
जिला निर्वाचन अधिकारी (Nagpur) ने ‘एक्स’ पर लिखा,“CSDS के संजय कुमार ने 59-रामटेक विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को लेकर गलत जानकारी पोस्ट की थी। FIR दर्ज कर ली गई है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे केवल चुनाव आयोग की वेबसाइट से ही सूचना सत्यापित करें।”
नासिक पुलिस ने भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। नासिक जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि संजय कुमार ने 126-देवलाली विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के संबंध में भ्रामक जानकारी पोस्ट की थी।
इस बीच, संजय कुमार ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर सार्वजनिक माफी मांगी। उन्होंने लिखा,“महाराष्ट्र चुनावों पर किए गए ट्वीट के लिए मैं ईमानदारी से क्षमा चाहता हूँ। 2024 लोकसभा और विधानसभा के आंकड़े मिलाते समय हमारी डेटा टीम से पंक्ति-पढ़ने में गलती हुई। ट्वीट हटा दिया गया है।”
उन्होंने कहा कि उनकी किसी भी तरह की भ्रामक सूचना फैलाने की मंशा नहीं थी।
बुधवार को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) ने CSDS को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, आरोप है कि संस्थान ने महाराष्ट्र चुनावों से जुड़े आंकड़ों में हेरफेर किया।
इधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने जिन आंकड़ों के आधार पर चुनाव आयोग और सरकार पर सवाल उठाए थे, वही आंकड़े CSDS ने अब गलत मान लिए हैं।
फडणवीस ने कहा,“राहुल गांधी को झूठ फैलाने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। सच्चाई सामने आ चुकी है। CSDS ने खुद स्वीकार किया कि उनका डेटा गलत था और उन्होंने उसे वापस ले लिया है।”
संजय कुमार ने ANI को बताया कि डेटा दो विधानसभा क्षेत्रों की गलत तुलना के कारण गड़बड़ हो गया था,“दरअसल, हमने गलती से नासिक वेस्ट (125) की तुलना 124 से और हिंगना (50) की तुलना 49 से कर दी। यही वजह थी कि गलत सूचना सामने आई।”