नई दिल्ली
टेक दिग्गज मेटा और गूगल के अधिकारी सोमवार को निर्धारित समय पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुए और अब उन्हें "अवैध" ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफॉर्म के प्रचार से जुड़े धन शोधन के एक मामले में 28 जुलाई के लिए नया समन दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
माना जा रहा है कि दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों ने 21 जुलाई के समन को स्थगित करने की मांग करते हुए कहा कि संघीय जांच एजेंसी के समक्ष पूछताछ और बयान दर्ज कराने के लिए पेश होने से पहले उन्हें प्रासंगिक जानकारी और दस्तावेज एकत्र करने के लिए समय चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों को एक सप्ताह का विस्तार दिया गया है और 28 जुलाई को पेश होने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि गवाही देने के बाद, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान दर्ज किए जाएँगे।
दोनों कंपनियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। संघीय एजेंसी अवैध सट्टेबाजी और जुए के लिंक होस्ट करने वाले कई प्लेटफॉर्म की जाँच कर रही है, जिसमें विभिन्न इंटरनेट-आधारित सोशल मीडिया आउटलेट्स और ऐप स्टोर्स पर उनके लिए दिए गए विज्ञापनों के मामले भी शामिल हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि ईडी ने इन तकनीकी दिग्गजों को यह समझने के लिए बुलाया है कि ऐसे अवैध प्लेटफॉर्म उनके सोशल मीडिया और संचार लिंक पर विज्ञापन कैसे दे सकते हैं।
इन मामलों में कुछ अभिनेता, मशहूर हस्तियां और खिलाड़ी भी एजेंसी की जाँच के घेरे में हैं और उनके भी ईडी के सामने पेश होने की उम्मीद है।
ईडी ने कहा है कि अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफॉर्म निर्दोष लोगों की गाढ़ी कमाई को ठग रहे हैं और करोड़ों रुपये की कर चोरी और धन शोधन भी कर रहे हैं।
ईडी देश भर में अवैध जुआ और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से जुड़े एक दर्जन से ज़्यादा बड़े मामलों की जाँच कर रहा है, जिसमें महादेव ऑनलाइन बुक (एमओबी) ऐप भी शामिल है, जिसके मुख्य प्रमोटर छत्तीसगढ़ से हैं।