जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप’ मीटिंग की सुरक्षा में तैनात मार्कोस कमांडो, जानिए कौन हैं यह

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 18-05-2023
जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप’ मीटिंग की सुरक्षा तैनात में  मार्कोस कमांडो, जानिए कौन हैं यह
जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप’ मीटिंग की सुरक्षा तैनात में मार्कोस कमांडो, जानिए कौन हैं यह

 

मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली

श्रीनगर में 22 से 24 मई तक प्रस्तावित ‘तीसरे जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप’ की मीटिंग भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच आयोजित की जाएगी. इस दौरान आतंकवादी तो क्या परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा. इस आयोजन की सुरक्षा में ‘मार्कोस कमांडो ’ खास तौर से तैनात किए गए हैं. गुरूवार से कश्मीर के डल झील में ‘मार्कोस कमांडो’ की सरगर्मी प्रारंभ हो गई है.

इंडियन एयरोस्पेस डिफेंस न्यूज ने ट्वीट कर कहा -‘‘भारतीय नौसेना के विशेष बल ‘मार्कोस’ ने श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में डल झील में गश्त शुरू कर दिया है. पहली बार है जब मार्कोस को इस तरह डल झील में तैनात किया गया है.’’

आइए, अब जानते हैं कि मार्कोस कमांडो सुरक्षा के लिहाज से इतने खास क्यों हैं. साथ ही यह भी जानेंगे कोई मार्कोस कमांडो कैसे बनता है ?

मार्कोस कमांडो

भारत शौर्यों की भूमि है. हमारे सैनिक राष्ट्र की सेवा को अपना परम कर्तव्य मानते है. राष्ट्र की जब बात आती है तो अपनी जान की भी परवाह नहीं करते. देशवासी सर्वोच्च बलिदान की कहानियां सुनते हुए बड़े होते हैं और  उसे अपने जीवन में आत्मसात कर लेते हैं.

आज भारत भूमि हमारे बहादुर सैनिकों द्वारा पूरी तरह संरक्षित है. वे हमें सुरक्षित रखने को दिन-रात काम करते हैं. बावजूद इसके पड़ोसी देश हमें चैन की सांस नहीं लेने देते. ऐसे में भारत ने दुश्मन देशों को सब सिखाने कई विशेष बल तैयार कर रखे हैं, जो उन्हें समय-समय पर जवाब देते रहते हैं.

जी-20की मीटिंग के दौरान पाकिस्तान या इसकी षह पर आतंकवादी कोई खुराफात न करें इसके लिए मार्कोस कमांडो को तैनात किया गया है. नेवी के मार्कोस कमांडो देश के विशेष कार्य बलों में से एक हैं.

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मार्कोस क्या है ?

मार्कोस समुद्री कमांडो का संक्षिप्त रूप है. वे नौसेना का एक हिस्सा हैं, लेकिन वे वायु, जल और भूमि में सभी प्रकार के संचालन के लिए उपयुक्त हैं.मार्कोस की स्थापना फरवरी 1987 में हुई थी . तब से उसने अपने व्यावसायिकता के कारण अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता हासिल की है. मार्कोस कमांडो को ‘दादीवाला फौज’ के नाम से भी जाना जाता है.

मार्कोस कमांडो की पात्रता

मार्कोस कमांडो का आदर्श वाक्य ‘द फ्यू द फियरलेस’ है. इस आदर्श वाक्य से समझा जा सकता है कि इसका प्रशिक्षण कितना कठिन होता होगा. बहुत कम लोग इसके लिए चुने  जाते हैं, पर जो चुने जाते हैं वे बहादुरी का दूसरा नाम हैं.

मार्कोस कमांडो बनने के मानदंड

-लिंग: पुरुष

-उम्र: 20

-योग्यता : नौसेना में नाविक या अधिकारी

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मार्कोस कमांडो कैसे बने ?

इसके लिए चरण दर चरण कई तरह की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.इस विशेष बल के लिए काम करने वाले को मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत मजबूत और फिट होना चाहिए, क्योंकि आगे की पूरी प्रक्रिया एक दुःस्वप्न जैसी होती है.

यदि आप नौसेना कर्मी हैं या अधिकारी हैं और मार्कोस स्पेशल फोर्सेस में सेवा देना चाहते हैं तो आपको कुछ वास्तविक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. इसके लिए कई चरणों की चयन प्रकिया से गुजरना पड़ता है.

मार्कोस कमांडो: चयन

चयन प्रक्रिया में एक नरक सप्ताह सहित चुनौतीपूर्ण कार्यों से भरा पांच सप्ताह शामिल है. ये कार्य मार्कोस कमांडो को भीषण अनुभवी और मजबूत बनाते हैं. कमांडो की दृढ़ इच्छाशक्ति प्रबल हो जाती है.

पांच सप्ताह के प्रोग्राम का विशेष पैक

  1. -सुबह 20किलोमीटर (12.4मील) की दौड़.
  2. -20किलोमीटर (12.4मील) का नाइट मार्च 60किलो (132पाउंड) भार लेकर.
  3. -लाइव गोला बारूद के साथ प्रशिक्षण
  4. -प्रति सप्ताह एक बार 60किग्रा (132पौंड) भार लेकर 120किलोमीटर का मार्च.
  5. -यूएस नेवी सील्स पर आधारित प्रशिक्षण का एक सप्ताह.
  6. -प्रतिदिन औसतन 20 घंटे से अधिक का निरंतर एक सप्ताह का प्रशिक्षण.
  7. -सप्ताह में 4 घंटे से अधिक की नींद नहीं.
  8. -सप्ताह के अंत मार्कोस कमांडो 800 मीटर तक जांघ में मिट्टी से भरी बोरी बांधकर दौड़ते हैं. बोरी का भार 25किग्रा होता है.
  9. -दौड़ के पहले 2.5 किलोमीटर (1.5 मील) का बाधा कोर्स .
  10. -25 मीटर की दूरी तयकर निशाने पर फायर करना.

मार्कोस कमांडो ट्रेनिंग

  1. -आईएनएस अभिमन्यु में स्थित 10-सप्ताह का बुनियादी एस एफ प्रशिक्षण, जिसमें हथियार चलाने का प्रशिक्षण षामिल है.
  2. -गोला बारूद और विस्फोटक का प्रशिक्षण.
  3. -निहत्थे युद्ध प्रशिक्षण.
  4. -क्लोज बैटल ट्रेनिंग.
  5. -फोटोग्राफी का प्रशिक्षण
  6. -जहाज पर युद्ध का प्रशिक्षण.
  7. -बंधक को छुड़ाने का प्रशिक्षणा.
  8. -आगरा में भारतीय सेना के पैराशूट ट्रेनिंग स्कूल में 3सप्ताह का बेसिक पैराशूट कोर्स.
  9. -कोच्चि स्थित भारतीय नौसेना के डाइव स्कूल में बेसिक कॉम्बैट डाइवर्स कोर्स.
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मार्कोस कमांडो ट्रेनिंग एडवांस

  1. -कॉम्बैट फ्री-फॉल ट्रेनिंग, प्लस वाटर-पैरा जंप (फुल कॉम्बैट लोड के साथ)
  2. -मिजोरम में काउंटर इंसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर स्कूल में काउंटर इंसर्जेंसी की ट्रेनिंग
  3. -अपहरण और चोरी रोधी प्रशिक्षण
  4. -निगरानी और टोह लेने का प्रशिक्षण
  5. -अपरंपरागत युद्ध,
  6. भाषा प्रशिक्षण का प्रशिक्षण.
  7. -संभावित क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति की जानकारी के लिए प्रशिक्षण.
  8. -पनडुब्बी संचालन का प्रशिक्षण
  9. -कंधे से दागी जाने वाली मिसाइलों, एमएमजी आदि का प्रशिक्षण
  10. -तत्काल उपलब्ध वस्तुओं के साथ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने का प्रशिक्षण.
  11. -अन्य भारतीय एसएफ इकाइयों के साथ अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पर्वतीय स्कूल में चार सप्ताह का हाई एल्टीट्यूड कमांडो कोर्स.
  12. -राजस्थान में डेजर्ट वारफेयर स्कूल में प्रशिक्षण.

इस प्रशिक्षण को पूरा करने वाले इस प्रतिष्ठित विशेष बल का हिस्सा होते हैं.

मार्कोस कमांडो आयु सीमा

मार्कोस के लिए कोई भी इंडियन नेवी ऑफिसर अप्लाई कर सकता है, लेकिन उनकी उम्र 20साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. जो आवेदक मार्कोस के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें आवेदन करने से पहले अपनी आयु की जांच कर लेनी चाहिए.

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मार्कोस कमांडो वेतन

मार्कोस कमांडो के वेतन विभिन्न कारकों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है. यहां हम उनकी अनुमानित सैलरी के बारे में कुछ जानकारी दे रहे हैं.

-मूल वेतनः 25,000 मासिक

-शिप डाइविंग भत्ता : 8,500 से रु. 10,000 के बीच

-मार्कोस भत्ता : 25,000 (मूल वेतन का 20प्रतिशत (हार्ड एरिया पोस्टिंग)

-फील्ड एरिया अलाउंस :  16,900 (केवल फील्ड एरिया पोस्टिंग के लिए)

-फील्ड एरिया भत्ता : 10,500 रुपये

इनपुट: अड्डा 24 / 7 डिफेंस

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