मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली
श्रीनगर में 22 से 24 मई तक प्रस्तावित ‘तीसरे जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप’ की मीटिंग भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच आयोजित की जाएगी. इस दौरान आतंकवादी तो क्या परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा. इस आयोजन की सुरक्षा में ‘मार्कोस कमांडो ’ खास तौर से तैनात किए गए हैं. गुरूवार से कश्मीर के डल झील में ‘मार्कोस कमांडो’ की सरगर्मी प्रारंभ हो गई है.
इंडियन एयरोस्पेस डिफेंस न्यूज ने ट्वीट कर कहा -‘‘भारतीय नौसेना के विशेष बल ‘मार्कोस’ ने श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में डल झील में गश्त शुरू कर दिया है. पहली बार है जब मार्कोस को इस तरह डल झील में तैनात किया गया है.’’
आइए, अब जानते हैं कि मार्कोस कमांडो सुरक्षा के लिहाज से इतने खास क्यों हैं. साथ ही यह भी जानेंगे कोई मार्कोस कमांडो कैसे बनता है ?
— Indian Aerospace Defence News - IADN (@NewsIADN) May 17, 2023
मार्कोस कमांडो
भारत शौर्यों की भूमि है. हमारे सैनिक राष्ट्र की सेवा को अपना परम कर्तव्य मानते है. राष्ट्र की जब बात आती है तो अपनी जान की भी परवाह नहीं करते. देशवासी सर्वोच्च बलिदान की कहानियां सुनते हुए बड़े होते हैं और उसे अपने जीवन में आत्मसात कर लेते हैं.
आज भारत भूमि हमारे बहादुर सैनिकों द्वारा पूरी तरह संरक्षित है. वे हमें सुरक्षित रखने को दिन-रात काम करते हैं. बावजूद इसके पड़ोसी देश हमें चैन की सांस नहीं लेने देते. ऐसे में भारत ने दुश्मन देशों को सब सिखाने कई विशेष बल तैयार कर रखे हैं, जो उन्हें समय-समय पर जवाब देते रहते हैं.
जी-20की मीटिंग के दौरान पाकिस्तान या इसकी षह पर आतंकवादी कोई खुराफात न करें इसके लिए मार्कोस कमांडो को तैनात किया गया है. नेवी के मार्कोस कमांडो देश के विशेष कार्य बलों में से एक हैं.

मार्कोस क्या है ?
मार्कोस समुद्री कमांडो का संक्षिप्त रूप है. वे नौसेना का एक हिस्सा हैं, लेकिन वे वायु, जल और भूमि में सभी प्रकार के संचालन के लिए उपयुक्त हैं.मार्कोस की स्थापना फरवरी 1987 में हुई थी . तब से उसने अपने व्यावसायिकता के कारण अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता हासिल की है. मार्कोस कमांडो को ‘दादीवाला फौज’ के नाम से भी जाना जाता है.
मार्कोस कमांडो की पात्रता
मार्कोस कमांडो का आदर्श वाक्य ‘द फ्यू द फियरलेस’ है. इस आदर्श वाक्य से समझा जा सकता है कि इसका प्रशिक्षण कितना कठिन होता होगा. बहुत कम लोग इसके लिए चुने जाते हैं, पर जो चुने जाते हैं वे बहादुरी का दूसरा नाम हैं.
मार्कोस कमांडो बनने के मानदंड
-लिंग: पुरुष
-उम्र: 20
-योग्यता : नौसेना में नाविक या अधिकारी

— Manan Bhatt 🇮🇳 (@mananbhattnavy) May 17, 2023
मार्कोस कमांडो कैसे बने ?
इसके लिए चरण दर चरण कई तरह की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.इस विशेष बल के लिए काम करने वाले को मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत मजबूत और फिट होना चाहिए, क्योंकि आगे की पूरी प्रक्रिया एक दुःस्वप्न जैसी होती है.
यदि आप नौसेना कर्मी हैं या अधिकारी हैं और मार्कोस स्पेशल फोर्सेस में सेवा देना चाहते हैं तो आपको कुछ वास्तविक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. इसके लिए कई चरणों की चयन प्रकिया से गुजरना पड़ता है.
मार्कोस कमांडो: चयन
चयन प्रक्रिया में एक नरक सप्ताह सहित चुनौतीपूर्ण कार्यों से भरा पांच सप्ताह शामिल है. ये कार्य मार्कोस कमांडो को भीषण अनुभवी और मजबूत बनाते हैं. कमांडो की दृढ़ इच्छाशक्ति प्रबल हो जाती है.
पांच सप्ताह के प्रोग्राम का विशेष पैक
मार्कोस कमांडो ट्रेनिंग

मार्कोस कमांडो ट्रेनिंग एडवांस
इस प्रशिक्षण को पूरा करने वाले इस प्रतिष्ठित विशेष बल का हिस्सा होते हैं.
मार्कोस कमांडो आयु सीमा
मार्कोस के लिए कोई भी इंडियन नेवी ऑफिसर अप्लाई कर सकता है, लेकिन उनकी उम्र 20साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. जो आवेदक मार्कोस के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें आवेदन करने से पहले अपनी आयु की जांच कर लेनी चाहिए.

मार्कोस कमांडो वेतन
मार्कोस कमांडो के वेतन विभिन्न कारकों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है. यहां हम उनकी अनुमानित सैलरी के बारे में कुछ जानकारी दे रहे हैं.
-मूल वेतनः 25,000 मासिक
-शिप डाइविंग भत्ता : 8,500 से रु. 10,000 के बीच
-मार्कोस भत्ता : 25,000 (मूल वेतन का 20प्रतिशत (हार्ड एरिया पोस्टिंग)
-फील्ड एरिया अलाउंस : 16,900 (केवल फील्ड एरिया पोस्टिंग के लिए)
-फील्ड एरिया भत्ता : 10,500 रुपये
इनपुट: अड्डा 24 / 7 डिफेंस