महाराष्ट्रः एमएलए दफ्तर में तोड़फोड़, पुलिस हाई अलर्ट पर, शिवसेना बैठक कल, डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 24-06-2022
महाराष्ट्रः एमएलए दफ्तर में तोड़फोड़, पुलिस हाई अलर्ट पर, शिवसेना बैठक कल, डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
महाराष्ट्रः एमएलए दफ्तर में तोड़फोड़, पुलिस हाई अलर्ट पर, शिवसेना बैठक कल, डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

 

आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली-मुंबई

महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट हालात बिगड़ते हुए लग रहे हैं. महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख ने महाराष्ट्र के सभी पुलिस स्टेशन को हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में कानून एवं व्यस्था की स्थित बिगड़ने का खतरा है. एक बागी शिवसेना विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई है. इस तरह की और भी घटनाएं होने की आशंका है. सीएम उद्धव ठाकरे ने शनिवार को शिवसेना की एक अहम बैठक भी बुलाई है. उधर, शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया है.

महाराष्ट्र पुलिस चीफ ने महाराष्ट्र के सभी पुलिस स्टेशन को हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए हैं. खास कर मुंबई के सभी पुलिस स्टेशन को भी अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं. पुलिस विभाग को महाराष्ट्र में लॉ एंड ओर्ड़र की स्थित बिगड़ने का डर है. ऐसे में शांति बनी रहे, इसके लिए पुलिस को अलर्ट पर रहने को कहा गया है.

पुलिस सूत्रों की मानें, तो उन्हें अलर्ट मिला है कि शिवसैनिक भारी मात्रा में सड़क पर उतरकर हंगामा कर सकते हैं. सभी पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को अपने अमले को अलर्ट करने और विजिलेंट रहने को कहा गया है.

बागी विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़

पुलिस का यह अलर्ट अकारण नहीं है. शिवसेना के एक बागी विधायक मंगेश कुडलकर के कार्यालय में शुक्रवार को पार्टी में चल रही गुटबाजी के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई.

कुडलकर शिवसेना के उन 38 बागी विधायकों में से एक हैं, जिन्होंने विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाला हुआ है. विशेष रूप से, शिंदे को उस होटल में बागी विधायकों की बैठक में नेता चुना गया, जहां वे ठहरे हुए हैं.

बैठक में सर्वसम्मति से शिंदे को भविष्य की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेने के लिए अधिकृत करने का भी निर्णय लिया गया है.

शिंदे खेमे की ओर से गुरुवार शाम जारी एक वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे किसी भी स्थिति में साथ रहेंगे और हर चीज का एक साथ सामना करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘हम हर स्थिति में साथ रहेंगे. हम पूरी एकता के साथ हर चीज का सामना करेंगे. अंत में हम विजयी होंगे.’’

ठाकरे ने पार्टी के जिला प्रमुखों की एक बैठक बुलाई और कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा बंगले को छोड़ दिया, लेकिन ‘लड़ने की इच्छा’ नहीं छोड़ी.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है कि मेरा सत्ता से कोई लेना-देना नहीं है. जो लोग कहते थे कि वे शिवसेना छोड़ने के बजाय मर जाएंगे, वे आज भाग गए हैं.’’

शिवसेना बैठक शनिवार को

क नए घटनाक्रम में, उद्धव ठाकरे ने कल शनिवार को ही दोपहर एक बजे शिवसेना भवन में शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. देर शाम तक के समाचारों के अनुसार उद्धव ठाकरे और राकांपा नेता शरद पवार राजनीतिक संकट पर ‘मातो श्री’ में मंत्रणा कर रहे हैं.

शिवसेना में बगावत के चलते महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार, डिप्टी सीएम अजीत पवार मुंबई में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पहुंचे. नेताओं के साथ राज्य के मंत्री जयंत पाटिल और राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल भी थे. नेताओं से एमवीए सरकार के पतन को रोकने के तरीकों पर चर्चा करने की उम्मीद है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है.

अजीत पवार ने दिन में पहले कहा था कि राकांपा मुख्यमंत्री के साथ खड़ी है और ‘सरकार को स्थिर रखने’ की कोशिश करेगी.

डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

उधर, उद्धव ठाकरे गुट द्वारा बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवाल के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की गई है. उसकेएक दिन बाद, एकांत शिंदे गुट ने शुक्रवार को डिप्टी स्पीकर के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है.

इससे पहले गुरुवार रात, शिवसेना ने राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दायर कर एकनाथ शिंदे सहित 12 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी, जो बुधवार को हुई विधायक दल की बैठक में “भाग नहीं लेने” वाले थे.

उद्धव गुट के इस कदम के जवाब में, शिंदे गुट के निर्दलीय विधायक महेश बाल्दी और विनोद अग्रवाल ने अविश्वास का नोटिस देते हुए कहा कि ‘‘महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में नरहरि झिरवाल को हटाने के लिए एक प्रस्ताव पेश करने का नोटिस महाराष्ट्र विधान सभा नियमों के नियम 11 के साथ पठित भारत के संविधान के अनुच्छेद 179 के तहत विधानसभा पहले ही दिया जा चुका है.’’

शिंदे गुट ने आगे दावा किया कि डिप्टी स्पीकर के पास उनके समक्ष लंबित किसी भी आवेदन पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं होगा, ‘जब उनके स्वयं के निष्कासन का प्रस्ताव लंबित है’. हम आगे कहते हैं कि उपाध्यक्ष द्वारा की गई कोई भी कार्रवाई भारत के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना होगी.

इससे पहले गुरुवार को, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने बताया कि बैठक से पहले एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि यदि कोई विधायक बैठक में शामिल नहीं होता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

सावंत ने कहा, ‘‘हमने डिप्टी स्पीकर (महाराष्ट्र विधानसभा के) के समक्ष एक याचिका दायर की है और मांग की है कि 12 (विधायकों) की सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए, क्योंकि वे कल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘बैठक से पहले एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि अगर आप बैठक में शामिल नहीं हुए, तो संविधान के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कुछ नहीं आए और कुछ ने अनावश्यक कारण बताए.’’

शिंदे के अलावा शिवसेना ने प्रकाश सुर्वे, तानाजी सावंत, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीप भुमारे, भरत गोगावाले, संजय शिरसत, यामिनी यादव, अनिल बाबर, बालाजी देवदास और लता चौधरी को अयोग्य ठहराने की मांग की है.

याचिका अजय चौधरी द्वारा दायर की गई है, जिन्हें शिवसेना द्वारा शिंदे को पद से ‘हटाए जाने’ के बाद ‘विधायक दल का नेता’ नियुक्त किया गया था.

शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने पार्टी विधायकों को पत्र लिखकर बैठक में उपस्थित रहने को कहा था.

पत्र में कहा गया है कि यदि कोई अनुपस्थित रहता है,तो यह माना जाएगा कि उक्त विधायक ने स्वेच्छा से पार्टी छोड़ने का फैसला किया है.

(एजेंसी इनपुट सहित)