महाराष्ट्र निकाय चुनाव: मतदान से पहले ही भाजपा ने 100 पार्षदों के निर्विरोध जीत का दावा किया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 22-11-2025
Maharashtra civic polls: BJP claims unopposed victory of 100 councillors even before voting
Maharashtra civic polls: BJP claims unopposed victory of 100 councillors even before voting

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी सफलता हासिल करने का दावा किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने घोषणा की कि राज्य की विभिन्न नगरपालिका परिषदों और नगर पंचायतों में पार्टी के सौ से अधिक पार्षद निर्विरोध चुने गए हैं। उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही यह परिणाम पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के लिए उत्साहजनक है।
 
चव्हाण ने बताया कि इन विजेताओं में तीन उम्मीदवार ऐसे भी हैं जो नगरपालिका परिषदों के अध्यक्ष पद पर बिना किसी मुकाबले के चुने गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख के बाद जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है, जिसका प्रमाण यह निर्विरोध जीत है। उनके अनुसार, यह जीतें इस बात का संकेत हैं कि जनता भाजपा की नीतियों पर भरोसा करती है।
 
भाजपा की ओर से जारी विवरण के मुताबिक, सौ निर्विरोध विजेताओं में चार कोंकण क्षेत्र से, 49 उत्तरी महाराष्ट्र से, 41 पश्चिमी महाराष्ट्र से और तीन-तीन उम्मीदवार मराठवाड़ा तथा विदर्भ क्षेत्रों से हैं। राज्य की कुल 246 नगरपालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए दो दिसंबर को मतदान होना है, जबकि मतगणना तीन दिसंबर को की जाएगी।
 
हालांकि, इस चरण को विवादों से अछूता नहीं कहा जा सकता। कई स्थानों पर भाजपा नेताओं के परिजनों की निर्विरोध जीतों ने विपक्ष का ध्यान अपनी ओर खींचा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि भाजपा की वंशवादी राजनीति अब निचले स्तर के चुनावों तक पहुंच गई है और नेताओं के रिश्तेदारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक तंत्र पर दबाव डाला गया। प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के हटने या उनके नामांकन खारिज होने की घटनाओं ने इन आरोपों को और बल दिया है।
 
जामनेर नगरपालिका परिषद में जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गईं, क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार रूपाली लालवानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो उम्मीदवार मैदान से हट गए। धुले जिले की दोंडाइचा-वरवडे नगरपालिका परिषद में विपणन मंत्री जयकुमार रावल की मां नयन कुंवर रावल भी निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गईं, क्योंकि विपक्ष की ओर से दाखिल नामांकन को खारिज कर दिया गया था। विपक्षी उम्मीदवार शरयू भावसार ने आरोप लगाया कि मंत्री के दबाव में उनका नामांकन रद्द किया गया।
 
चव्हाण ने बताया कि इन विजेताओं में तीन उम्मीदवार ऐसे भी हैं जो नगरपालिका परिषदों के अध्यक्ष पद पर बिना किसी मुकाबले के चुने गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख के बाद जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है, जिसका प्रमाण यह निर्विरोध जीत है। उनके अनुसार, यह जीतें इस बात का संकेत हैं कि जनता भाजपा की नीतियों पर भरोसा करती है।
 
भाजपा की ओर से जारी विवरण के मुताबिक, सौ निर्विरोध विजेताओं में चार कोंकण क्षेत्र से, 49 उत्तरी महाराष्ट्र से, 41 पश्चिमी महाराष्ट्र से और तीन-तीन उम्मीदवार मराठवाड़ा तथा विदर्भ क्षेत्रों से हैं। राज्य की कुल 246 नगरपालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए दो दिसंबर को मतदान होना है, जबकि मतगणना तीन दिसंबर को की जाएगी।
 
हालांकि, इस चरण को विवादों से अछूता नहीं कहा जा सकता। कई स्थानों पर भाजपा नेताओं के परिजनों की निर्विरोध जीतों ने विपक्ष का ध्यान अपनी ओर खींचा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि भाजपा की वंशवादी राजनीति अब निचले स्तर के चुनावों तक पहुंच गई है और नेताओं के रिश्तेदारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक तंत्र पर दबाव डाला गया। प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के हटने या उनके नामांकन खारिज होने की घटनाओं ने इन आरोपों को और बल दिया है।
 
जामनेर नगरपालिका परिषद में जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गईं, क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार रूपाली लालवानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो उम्मीदवार मैदान से हट गए। धुले जिले की दोंडाइचा-वरवडे नगरपालिका परिषद में विपणन मंत्री जयकुमार रावल की मां नयन कुंवर रावल भी निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गईं, क्योंकि विपक्ष की ओर से दाखिल नामांकन को खारिज कर दिया गया था। विपक्षी उम्मीदवार शरयू भावसार ने आरोप लगाया कि मंत्री के दबाव में उनका नामांकन रद्द किया गया।