मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री निवेश आकर्षित करने को 13-19 जुलाई तक दुबई, स्पेन का दौरा करेंगे

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 12-07-2025
Madhya Pradesh: Chief Minister will visit Dubai, Spain from July 13-19 to attract investment
Madhya Pradesh: Chief Minister will visit Dubai, Spain from July 13-19 to attract investment

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव 13 से 19 जुलाई के बीच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई और स्पेन का दौरा करेंगे ताकि राज्य को एक प्रमुख निवेश स्थल के रूप में प्रदर्शित किया जा सके। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
 
उन्होंने बताया कि वह निवेश आकर्षित करने के लिए कंपनियों के साथ बातचीत करेंगे और मध्यप्रदेश की अनुकूल नीति पर प्रकाश डालेंगे.
 
आधिकारिक बयान के अनुसार, यादव का यह दौरा मध्यप्रदेश की वैश्विक निवेश आकर्षण रणनीति में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा.
 
दुबई में, यादव मध्यप्रदेश की औद्योगिक तैयारियों और निवेश नीतियों को प्रदर्शित करने के लिए भारतीय व्यापार और व्यावसायिक परिषद के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। यादव इसके अलावा लुलु इंटरनेशनल ग्रुप, लैंडमार्क ग्रुप और नखील ग्रुप जैसी अंतरराष्ट्रीय खुदरा और बुनियादी ढांचा कंपनियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठकें करेंगे.
 
एक अधिकारी ने बताया कि ये बातचीत राज्य में लॉजिस्टिक्स पार्क, भंडारण, खुदरा शृंखला और अन्य निवेश अवसरों में संभावित साझेदारियों पर केंद्रित होगी.
 
उन्होंने कहा, “इसके बाद, 16 से 19 जुलाई तक, मुख्यमंत्री स्पेन का दौरा करेंगे और बार्सिलोना में अग्रणी वाहन कंपनियों और हरित परिवहन प्रौद्योगिकी के निवेशकों से मिलेंगे। वह प्रधानमंत्री मित्र पार्क, कपड़ा ओडीओपी और वर्धमान जैसे मौजूदा क्लस्टर जैसी पहलों को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा, परिधान और डिज़ाइन क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे.”
 
अधिकारी ने बताया कि उनकी स्पेन यात्रा का मुख्य जोर पर्यटन और विरासत केंद्रित आतिथ्य क्षेत्रों पर भी होगा, जिसका उद्देश्य मध्यप्रदेश को विरासत-आधारित पर्यटन निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है.
 
बयान में कहा गया, “मुख्यमंत्री ने पिछले साल नवंबर और दिसंबर में ब्रिटेन और जर्मनी तथा इस साल जनवरी में जापान का दौरा किया था। इन यात्राओं से न केवल निवेशकों के साथ परिणामोन्मुखी संवाद हुआ, बल्कि इन देशों की औद्योगिक ताकत को समझने के बाद व्यावहारिक निवेश अवसरों की पहचान करने में भी मदद मिली.
 
अधिकारियों ने बताया कि इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, वाहन, विश्वविद्यालय संपर्क, इलेक्ट्रॉनिक्स और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में ठोस परियोजनाओं की शुरुआत हुई है.