आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
एअर इंडिया की उड़ान संख्या 171 के अहमदाबाद से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त होने से कुछ सेकंड पहले, इसके दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच बंद हो गए थे। यह बात शनिवार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कही गई जोकि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के कॉकपिट में पायलट की एक भयावह गलती की ओर इशारा करती है.
एयरलाइंस पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एपीएआई) ने रिपोर्ट से असहमति जताते हुए कहा कि जांच "गोपनीयता के आवरण में लिपटी हुई", पायलट के खिलाफ पक्षपातपूर्ण प्रतीत होती है और इसमें जल्दबाजी में निष्कर्ष पर पहुंचा गया है.
दुर्घटना की 15 पृष्ठों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से पता चला कि दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे, जिसके कारण विमान की ऊंचाई में तत्काल कमी आ गई.
कॉकपिट की आवाज रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, जिस पर दूसरा पायलट ईंधन बंद करने से इनकार करता है.
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एआईआईबी) की शनिवार सुबह जारी की गई रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उड़ान के दौरान स्विच ‘कटऑफ’ स्थिति में कैसे आ गए और न ही दुर्घटना के लिए किसी पर स्पष्ट रूप से दोष तय किया गया है.
रिपोर्ट में आवाज की रिकॉर्डिंग में पायलटों की पहचान भी नहीं की गई। लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि विमान में कोई खामी नहीं थी, जिससे केवल अब पायलट की गलती ही एकमात्र संभावित कारण बचता है.
विमान का नियंत्रण फर्स्ट आफिसर क्लाइव कुंदर (32) के पास था, जबकि एअर इंडिया में 30 वर्षों का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ अधिकारी सुमित सभरवाल, उड़ान की निगरानी करने वाले वरिष्ठ कॉकपिट अधिकारी थे.
हालांकि, रिपोर्ट में 2018 के एक ‘एयरवर्थीनेस बुलेटिन’ का संदर्भ दिया गया, जो ‘यूनाइटेड स्टेट फेड्रल एविएशन एडमिन्ट्रेशन (एफएए) द्वारा जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि बोइंग 737 जैसे छोटे मॉडल में ‘फ्यूल स्विच’ को 'लॉकिंग फीचर डिसएंगेज' के साथ लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि ‘लॉकिंग प्रणाली’ बोइंग के विभिन्न विमान मॉडल के समान था, जिसमें कुछ 787 भी शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, एअर इंडिया ने 2018 के एफएए परामर्श के अनुसार ‘फ्यूल कंट्रोल स्विच सुरक्षा का निरीक्षण नहीं किया, क्योंकि उस बुलेटिन को 'गैर-आवश्यक' के रूप में वर्गीकृत किया गया था.
यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि इसका दुर्घटना से कोई संबंध था या नहीं। रिपोर्ट में अहमदाबाद में विमान के उड़ान भरने और हवाई अड्डे की परिधि के ठीक बाहर एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में दुर्घटनाग्रस्त होने के बीच के 32 सेकंड के दुर्भाग्यपूर्ण समय का पहला विस्तृत विवरण दिया गया है। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई थी और जमीन पर 19 अन्य लोग मारे गए। यह एक दशक में सबसे घातक विमान दुर्घटना थी.