असम के गोलपाड़ा में आरक्षित वन क्षेत्र की लगभग 135 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाया गया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 12-07-2025
Encroachment removed from about 135 hectares of reserved forest area in Goalpara, Assam
Encroachment removed from about 135 hectares of reserved forest area in Goalpara, Assam

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

असम के गोलपाड़ा स्थित पैकन आरक्षित वन क्षेत्र की लगभग 135 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने का अभियान शनिवार को सुचारू रूप से चलाया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
 
गोलपाड़ा जिला आयुक्त (डीसी) खानिंद्र चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अभियान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। उन्होंने बताया, ‘‘ढांचे ध्वस्त कर दिए गए। यह अभियान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ.’
 
अतिक्रमण हटाओ अभियान को शांतिपूर्ण संचालित करने के लिए खुदाई की 40 मशीनों तथा बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
 
वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अतिक्रमण के अधीन वन क्षेत्र को पुनः प्राप्त करना था और हमने यह कर दिखाया है.”
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पहला कदम अतिक्रमण हटाना था। अब हम जमीन वापस पाने के लिए बागानों में जाएंगे.’
 
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अभियान के शांतिपूर्ण संचालन के लिए ‘निवारक उपाय’ किए गए और यह सुचारू रूप से संपन्न हुआ.
 
स्थानीय खबरों में दावा किया गया कि एक प्रभावित व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन त्वरित चिकित्सा सहायता से उसे बचा लिया गया.
 
गोलपाड़ा के जिलाधिकारी (डीसी) खानिन्द्र चौधरी ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि कथित अतिक्रमण करने वाले लगभग 95 प्रतिशत लोग पहले ही खुद अपने ढांचे हटाकर क्षेत्र से निकल गए हैं.
 
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि यह अभियान शुक्रवार को होना था, लेकिन मुस्लिम बहुल क्षेत्र में शुक्रवार की नमाज को ध्यान में रखते हुए इसे एक दिन आगे कर दिया गया.
 
गोलपाड़ा के वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) तेजस मारिस्वामी ने पहले कहा था कि यह अभियान कृष्णाई क्षेत्र के पैकन आरक्षित वन क्षेत्र की लगभग 135 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए चलाया जा रहा है.
 
उन्होंने बताया, ‘‘करीब 1,080 परिवारों ने वन भूमि पर अतिक्रमण किया था। हमने उन्हें नवंबर-दिसंबर में क्षेत्र खाली करने के लिए कहा था और पिछले महीने दोबारा नोटिस भेजकर 10 जुलाई तक क्षेत्र खाली करने का निर्देश दिया गया था.’’
 
प्रशासन ने वर्ष 2023 से अब तक चार वन रेंजों की 650 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाया है.
 
मारिस्वामी ने बताया, ‘‘इसमें से 200 हेक्टेयर भूमि पर मानव बस्ती थी जबकि बाकी 450 हेक्टेयर भूमि पर खेती की जा रही थी.
 
पड़ोसी धुबरी जिले के चापर सर्किल अंतर्गत चरुवा बक्रा, चिरकुटा और संतोषपुर गांवों में मंगलवार को लगभग 1,160 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाया गया था जिससे करीब 1,100 परिवार प्रभावित हुए.