जयपुर (राजस्थान)
दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने यहाँ "अगली पीढ़ी की लड़ाई - आज की सैन्य शक्ति को आकार देना" शीर्षक से आयोजित एक सेमिनार में विकसित भारत के निर्माण में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर केंद्रित एक मुख्य भाषण दिया।
भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सप्त शक्ति कमान के सेना कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में, आधुनिक और भविष्य के संघर्षों की बहुआयामी चुनौतियों के जवाब में भारतीय सेना के लिए अनुकूलन और नवाचार की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने ग्रे ज़ोन युद्ध की जटिलताओं पर गहन चर्चा की और शांति एवं युद्ध के बीच की रेखाओं को धुंधला करने वाले हाइब्रिड खतरों का मुकाबला करने के लिए परिष्कृत क्षमताओं के विकास के महत्व पर बल दिया।
प्रेस नोट में कहा गया है कि उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे उन्नत प्रणालियाँ, सटीक हथियार, उन्नत खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही (आईएसआर) क्षमताएँ, जिनमें ड्रोन का प्रभावी उपयोग भी शामिल है, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में सहायक रहीं।