नयी दिल्ली
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत कुछ मुद्दों पर लोकसभा में सोमवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे पुन: आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 'अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री - 2047 तक विकसित भारत के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका' विषय पर विशेष चर्चा प्रारंभ कराई।
उन्होंने कहा कि सदन भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का भारत की धरती पर हार्दिक अभिनंदन करता है।
सदन में विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहने के बीच उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर जाकर बैठने का आग्रह करते हुए कहा कि वह इस विषय पर बोलने के लिए सभी सदस्यों को पर्याप्त समय देंगे।
उन्होंने कहा कि चर्चा से सकारात्मक संदेश जाएगा कि भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में कितनी श्रेष्ठता हासिल की है।
विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच, विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा, ‘‘मुझे बहुत पीड़ा महसूस हो रही है कि जब मुल्क में जश्न का माहौल है, जब देश अंतरिक्ष के क्षेत्र में उपलब्धियों का उत्सव मना रहा है, तब विपक्ष अंतरिक्ष से जुड़े विशेषज्ञों को भी बधाई देने के लिए तैयार नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपकी नाराजगी सरकार के साथ हो सकती है। भाजपा और राजग के साथ हो सकती है। लेकिन हैरत है कि आपकी नाराजगी एक अंतरिक्ष यात्री, गगनयान यात्री के प्रति भी है।’’
हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने दोपहर करीब ढाई बजे बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया। इसी दौरान कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्य एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे।
बिरला ने कुछ देर तक शोर-शराबे में ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी और कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।
लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाकर बैठने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।
उन्होंने विपक्षी सांसदों से कहा, ‘‘यह प्रश्नकाल है। जितनी जोर से आप नारेबाजी कर रहे हैं, उतना जोर लगाकर यदि प्रश्न पूछेंगे तो देश की जनता का कल्याण होगा।’’
बिरला ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों से नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘आपको जनता ने सरकारी संपत्ति तोड़ने के लिए नहीं भेजा है। मैं चेतावनी दे रहा हूं कि किसी भी सदस्य को यह विशेषाधिकार नहीं है कि वह सरकारी संपत्ति को तोड़ने का प्रयास करे।’’
उन्होंने विपक्षी सांसदों को चेतावनी दी, ‘‘अगर आपने सरकारी संपत्ति को तोड़ने का प्रयास किया तो मुझे कुछ निर्णायक कदम उठाने पड़ेंगे और देश की जनता यह सब देखेगी। कई विधानसभाओं के अदंर इस तरह की घटनाओं पर सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। सरकारी संपत्ति को तोड़ने का प्रयास नहीं करें।’’
इसके बाद उन्होंने करीब 11.15 बजे सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
दोपहर 12 बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए। इस बीच ही विपक्षी सांसद एसआईआर के मुद्दे पर शोर-शराबा करने लगे।
हंगामे के बीच ही वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। सदन ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
शोर-शराबे के बीच ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया।
पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति ने कार्यवाही पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।