नई दिल्ली. लोकसभा ने सोमवार को बिना चर्चा के तीन विधेयकों, सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021, और सदन में हंगामे के बीच संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021को पारित किया.
दोपहर 12.30बजे लोकसभा के फिर से शुरू होने के तुरंत बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021पर विचार करने और पारित करने के लिए आगे बढ़ीं. विधेयक का उद्देश्य सीमित देयता भागीदारी अधिनियम 2008में संशोधन करना है. इसमें 12अपराधों को कम करने का प्रस्ताव है. सीमित देयता भागीदारी अधिनियम के तहत और देश में व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना.
सीतारमण ने कहा, “यह विधेयक एक बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है, जिसका उद्देश्य छोटे और बड़े भागीदारों के बीच व्यापार करना आसान बनाना है. कई आपराधिक अपराधों को भी न्यूनतम तक लाया जाएगा, जहां यह समझौता योग्य है, हम उन्हें जोड़ देंगे.”
सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021पर सीतारमण के भाषण के दौरान विपक्षी सांसद ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ मीडिया रिपोर्ट पर नारेबाजी करते हुए लोकसभा के वेल में एकत्र हुए.
सीतारमण ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (संशोधन) विधेयक, 2021भी पेश किया. यह बिल 5लाख रुपये तक की बैंक जमा राशि का बीमा करेगा. डीआईसीजीसी बिल 2021के तहत सभी जमाओं का 98.3प्रतिशत कवर किया जाएगा और जमा मूल्य के मामले में 50.9प्रतिशत जमा मूल्य को कवर किया जाएगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने विपक्ष से चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया, लेकिन हंगामा जारी रहा.
दोनों विधेयक बिना चर्चा के पारित हो गए.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा विचार और पारित करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021लोकसभा में पेश किया गया. यह बिल भी बिना चर्चा के सदन में पारित हो गया.
बाद में लोकसभा को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. यह चौथी बार है, जब लोकसभा आज स्थगित हुई. इससे पहले सदन में विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच इसे सुबह 11.30 बजे, दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.