दार्जिलिंग
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में भारी बारिश के चलते हुए भीषण भूस्खलनों में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग अब भी लापता हैं। लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ी इलाकों में कहर बरपा दिया है, जिससे घर ढह गए, सड़कें टूट गईं और कई गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है।
दार्जिलिंग और सिक्किम को जोड़ने वाली सड़क सहित कई मुख्य सड़क मार्ग बंद हो चुके हैं। दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के बीच संपर्क भी टूट गया है। मिरिक-सुखिया पोखरी रोड और अन्य पहाड़ी रास्तों पर मलबा जमा होने से यातायात ठप है।
दार्जिलिंग के सब-डिविजनल ऑफिसर रिचर्ड लेप्चा ने बताया कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा राहत बल मिलकर बचाव और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें भी मिरिक झील क्षेत्र में राहत कार्यों में लगी हैं, जो सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, मिरिक और दार्जिलिंग के विभिन्न हिस्सों से 17 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। दो लोग अब भी लापता हैं। सबसे ज्यादा मौतें मिरिक (11) और दार्जिलिंग (6) में दर्ज की गई हैं।
भूस्खलन की वजह से सरसाली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धर गांव (मेची), और मिरिक झील क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। धर गांव में मलबे में दबे चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। वहीं कई मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए।
बिष्णुलाल गांव, वार्ड 3 लेक साइड और जसबीर गांव में लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। स्थानीय एनजीओ और जिला प्रशासन की मदद से अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
भारत मौसम विभाग (IMD) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग समेत सब-हिमालयी पश्चिम बंगाल के लिए 6 अक्टूबर तक रेड अलर्ट जारी किया है। लगातार बारिश के कारण जमीन अत्यधिक भीग चुकी है, जिससे और भूस्खलन और सड़क अवरोध की चेतावनी दी गई है।
उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने स्थिति को “चिंताजनक” बताते हुए कहा कि,“हमारे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में 6 लोगों की जान गई है। यह संख्या अभी अंतिम नहीं है।”
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लगातार बारिश और फिसलन भरी जमीन के कारण बचाव कार्यों में भारी बाधा आ रही है।"भारी मशीनें भी इन ढलानों पर ठीक से काम नहीं कर पा रहीं। नुकसान का आकलन अभी जारी है।"
अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल मिरिक झील के पास लापता दो लोगों की तलाश और कटे हुए इलाकों से संपर्क बहाल करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। बचाव कार्य रातभर चुनौतीपूर्ण हालातों में जारी रहेगा।