Ladakh violence: Hearing on Wangchuk's wife's plea against detention adjourned till October 15
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो की याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए इसके लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की है।
याचिका में वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिये जाने को चुनौती दी गई है और उनकी तत्काल रिहाई का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की ओर से सुनवाई स्थगित किये जाने का अनुरोध किये जाने के बाद न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने इसे बुधवार के लिए टाल कर दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘मामला सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष आया, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील के अनुरोध पर इसे (आज ही) बाद में सुनवाई के लिए टाल दिया गया। बाद में फिर से सुनवाई के लिए मामला सामने आया, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील ने अनुरोध किया कि इसे कल के लिए स्थगित कर दिया जाए और वाद सूची में सबसे ऊपर सूचीबद्ध किया जाए। (इस मामले को) कल, यानी 15 अक्टूबर, 2025 की वाद सूची में सबसे ऊपर सूचीबद्ध करें।’’
शीर्ष अदालत ने छह अक्टूबर को केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को नोटिस जारी किए थे। अदालत ने हिरासत का कारण बताने के अनुरोध वाली उनकी याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था और मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर तक स्थगित कर दी थी।
याचिका में वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिये जाने को चुनौती दी गई है और उनकी तत्काल रिहाई का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की ओर से सुनवाई स्थगित किये जाने का अनुरोध किये जाने के बाद न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने इसे बुधवार के लिए टाल कर दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘मामला सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष आया, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील के अनुरोध पर इसे (आज ही) बाद में सुनवाई के लिए टाल दिया गया। बाद में फिर से सुनवाई के लिए मामला सामने आया, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील ने अनुरोध किया कि इसे कल के लिए स्थगित कर दिया जाए और वाद सूची में सबसे ऊपर सूचीबद्ध किया जाए। (इस मामले को) कल, यानी 15 अक्टूबर, 2025 की वाद सूची में सबसे ऊपर सूचीबद्ध करें।’’
शीर्ष अदालत ने छह अक्टूबर को केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को नोटिस जारी किए थे। अदालत ने हिरासत का कारण बताने के अनुरोध वाली उनकी याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था और मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर तक स्थगित कर दी थी।