जानिए, लंदन में टीपू सुल्तान की तलवार कितने पाउंड में बिकी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 10 Months ago
जानिए, लंदन में टीपू सुल्तान की तलवार कितने पाउंड में बिकी
जानिए, लंदन में टीपू सुल्तान की तलवार कितने पाउंड में बिकी

 

आवाज द वाॅयस / लंदन
   
लंदन में हुई नीलामी में उपमहाद्वीप के मशहूर मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान की तलवार एक करोड़ 40 लाख पाउंड में बिक गई. एक टीवी समाचार चैनल के अनुसार, नीलामीकर्ता हाउस बोनहम्स ने कहा कि तलवार अनुमान से सात गुना अधिक कीमत में बिकी है.

बोनहम्स का कहना है कि यह तलवार टीपू सुल्तान की सबसे महत्वपूर्ण तलवार थी जिससे उनका खास रिश्ता था.मैसूर राज्य के शासक टीपू सुल्तान ने 18वीं शताब्दी के अंत में लड़े गए युद्धों से प्रसिद्धि प्राप्त की थी. उन्होंने 1775 और 1779 के बीच कई बार मराठों के खिलाफ लड़ाई लड़ी.
 
बोनहम्स इस्लामिक एंड इंडियन आर्ट के प्रमुख ओलिवर व्हाइट कहते हैं, यह शानदार तलवार टीपू सुल्तान से जुड़े सबसे महान हथियारों में से एक है. सुल्तान का उनसे व्यक्तिगत लगाव था.यह तलवार टीपू सुल्तान के महल के निजी कक्ष से बरामद की गई थी.
 
tipu sultan
 
टीपू सुल्तान को अपने राज्य की रक्षा के लिए मैसूर का शेर उपनाम दिया गया था.बोनहम्स वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने रॉकेट आर्टिलरी में विशेषज्ञता हासिल की और मैसूर को भारत का आर्थिक महाशक्ति बनाया.
ऑक्शन हाउस के मुताबिक टीपू सुल्तान की मौत के बाद उनकी तलवार ब्रिटिश मेजर जनरल डेविड बेयर्ड को उनकी बहादुरी के लिए भेंट की गई थी.
 
इतिहासकारों का इस तलवार के बारे में कहना है कि मई 1799 में श्रीरंगपट्टम में टीपू सुल्तान के शाही गढ़ के पतन के बाद उनके महल से हटाए गए कई हथियारों में से कुछ का टीपू सुल्तान के साथ घनिष्ठ संबंध था. निर्विवाद रूप से टीपू के अपने शस्त्रागार का हिस्सा, बेडचैम्बर तलवार बेहतरीन और सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक है.
 
बोनहम्स के सीईओ ने कहायह सबसे आश्चर्यजनक वस्तुओं में से एक है जिसे बोनहम्स को नीलाम करने का सौभाग्य मिला है. फ्रांसिस बुकानन ने इस बारे में ऑन-द-स्पॉट में वर्णित किया है, टीपू सुल्तान जब सो रहे थे तब उनकी पहुंच में यह तलवार थी. हमले को लेकर लगातार सतर्क रहने वाले टीपू सुल्तान एक जोड़ी पिस्तौल और इस तलवार के साथ रखकर सोते थे.
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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यह हथियार असाधारण गुणवत्ता वाला है.यह 16 वीं शताब्दी में भारत में पेश किए गए जर्मन ब्लेड के मॉडल के बाद मुगल तलवारबाजों द्वारा निर्मित किया गया था. मूठ अल्लाह के गुणों और नाम से बुलाने के साथ उत्कृष्ट रूप से निष्पादित सोने की सुलेख में जड़ा हुआ है.