बासित जरगर/ श्रीनगर
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व के कश्मीर घाटी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. घाटी के विभिन्न मंदिरों में सुबह से भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. इसके लिए मंदिरों को विशेष तौर पर सजावट की गई. इस अवसर पर श्रीनगर शहर में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया.

इस दौरान ऐतिहासिक लाल चौक पर नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, राधे-राधे, जय गोपाला के नारे गूंजे.

बड़ी संखाया में स्थानीय कश्मीरी पंडित इसमें शामिल हुए. पुलिस और सुरक्षाबलों ने शोभायात्रा की शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यापक इंतजाम किए.

कश्मीर पंडित समुदाय ने सोमवार को जन्माष्टमी का त्यौहार मनाने के लिए लाल चौक श्रीनगर में शोभा यात्रा निकाली. यह जुलूस बरबरशाह इलाके में एक मंदिर से शुरू हुआ और लाल चौक में मुख्य शहर की सड़क से होते हुए अपने उद्गम स्थल पर शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ.
पंडित समुदाय के सदस्य - पुरुष, महिलाएं और बच्चे रंग-बिरंगे कपड़े पहने हुए थे जो भगवान कृष्ण की स्तुति में भजन गाते हुए देखे गए. पुलिस ने इस संबंध में उचित सुरक्षा व्यवस्था की थी.
जन्माष्टमी जुलूस 2004 से एक नियमित विशेषता बन गया है, जब यह 15 वर्षों के अंतराल के बाद पहली बार आयोजित किया गया था.
एक पुजारी ने कहा, "घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडित सोमवार सुबह से ही विभिन्न मंदिरों में उमड़ पड़े और मार्च में शामिल होने से पहले 'पूजा अर्चना, भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण' में भाग लिया."