‘‘कश्मीरी मुस्लिम भाईयों ने दिया दान, कहा राम हमारे पूर्वज’’

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 20-01-2024
“Kashmiri Muslim brothers donated, said Ram is our ancestor”
“Kashmiri Muslim brothers donated, said Ram is our ancestor”

 

अयोध्या. प्राण प्रतिष्ठा समारोह से कुछ दिन पहले, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कश्मीर, तमिलनाडु और अफगानिस्तान से प्राप्त उपहार  राम मंदिर के ‘यजमान’ अनिल मिश्रा को सौंप दिए हैं.  कश्मीर से दान करने वालों के बारे में बोलते हुए, विहिप अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि वे अलग-अलग धर्मों से हैं, लेकिन उन्होंने राम मंदिर के निर्माण पर अपनी खुशी व्यक्त की.

उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर से मुस्लिम भाई-बहन मुझसे मिलने आए और राम मंदिर निर्माण पर खुशी जताई और कहा कि भले ही हम अलग-अलग धर्मों को मानते हैं, लेकिन हमारे पूर्वज एक ही हैं. उन्होंने कहा कि भगवान राम उनके पसंदीदा पूर्वजों में से एक हैं. उन्होंने कश्मीर से जैविक रूप से उत्पादित 2 किलोग्राम शुद्ध केसर सौंपा. मैं इसे श्री राम मंदिर के श्यजमानश् अनिल मिश्रा को सौंप रहा हूं.’’

राम जन्मभूमि मंदिर को चित्रित करने वाली एक रेशम बेडशीट के बारे में बोलते हुए, जिसे मिश्रा को भी सौंपा गया था, कुमार ने कहा, ‘‘तमिलनाडु के रेशम निर्माताओं ने श्री राम मंदिर को चित्रित करने वाली एक रेशम बेडशीट भेजी है. इसे 10 दिनों तक एक साथ काम करने वाले 10 लोगों द्वारा बनाया गया है.’’

यजमान को उपहार के रूप में भेजे गए अफगानिस्तान की कुभा नदी के जल पर कुमार ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान से कुभा (काबुल) नदी का जल श्री राम के अभिषेक के लिए भेजा गया है. मैं इसे ट्रस्ट को भी दान कर रहा हूं.’’

भगवान राम की ओर से देश और दुनिया भर से मिले उपहारों पर बोलते हुए, ‘यजमान’ अनिल मिश्रा ने कहा, ‘‘जाति, पंथ, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर, देश भर से लोग भगवान राम को प्रसाद चढ़ा रहे हैं. कोई बात नहीं, चाहे प्रसाद नेपाल, तमिलनाडु, कश्मीर या विदेश से हो, वे सभी भगवान राम के चरणों में रहेंगे. मैं भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर इन सभी प्रसादों का स्वागत करता हूं. मैं इन्हें स्वीकार करता हूं और इसे प्रभु राम के चरणों में अर्पित करूंगा.’’

अनिल मिश्रा ने कहा कि जो भगवान राम की सेवा में जितना अधिक तल्लीन होता है, वह उतना ही खुश होता है. उन्होंने कहा, ‘‘भगवान राम की सेवा करने से मुझे हमेशा खुशी मिलती है. जो व्यक्ति भगवान राम की सेवा में जितना अधिक तल्लीन होता है, वह उतना ही आनंदित होता है. सभी ने सोचा कि मुझे पूजा के लिए बैठना चाहिए और इसलिए मैंने उनकी इच्छा का पालन किया है.’’

रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी, जिसका अनुष्ठान प्रधानमंत्री मोदी करेंगे. लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में पुजारियों की एक टीम अनुष्ठान का नेतृत्व करेगी. 

 

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