कश्मीर वक्फ बोर्ड प्रमुख ने अलगाववादी संगठनों पर प्रतिबंध का समर्थन किया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 13-03-2025
Kashmir Waqf Board chief supports ban on separatist organisations
Kashmir Waqf Board chief supports ban on separatist organisations

 

उधमपुर (जम्मू और कश्मीर)

जम्मू और कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरखशां अंद्राबी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के जम्मू और कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) और अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने यह भी कहा कि घाटी में शांति और खुशहाली को भंग करने वाले अन्य समूहों पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए.

अंद्राबी ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, "गृह मंत्रालय द्वारा लगाया गया प्रतिबंध बहुत अच्छा है क्योंकि हम नहीं चाहते कि शांति में कोई व्यवधान आए." उन्होंने कहा कि उग्रवाद में कमी के कारण लोग अब "शांति से सांस ले पा रहे हैं" और उन्होंने ऐसे समूहों पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता जताई जो जम्मू और कश्मीर की शांति को भंग करना चाहते हैं.

जम्मू और कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष ने आगे कहा, "हम पिछले 2-5 सालों से यहां चैन की सांस ले पा रहे हैं. हम चाहते हैं कि ऐसे अन्य समूहों पर प्रतिबंध लगाया जाए जो इस शांति को नष्ट करना चाहते हैं, ताकि यहां के लोग शांति से और खुशहाल जीवन जी सकें."

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को घोषणा की थी कि उसने जम्मू और कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) और अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है और इन पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है.

मंत्रालय ने इन संगठनों पर आरोप लगाया कि ये संगठन भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों में शामिल हैं.आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, उमर फारूक के नेतृत्व वाला एएसी जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और भारत विरोधी प्रचार फैलाने में शामिल था.

मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह संगठन क्षेत्र में अलगाववादी और आतंकवादी अभियानों को समर्थन देने के लिए धन जुटा रहा था.इसके अलावा, मसरूर अब्बास अंसारी के नेतृत्व में जेकेआईएम पर भी आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि यह संगठन और इसके सदस्य क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धन जुटा रहे थे.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई भी संगठन जो देश की शांति और संप्रभुता के लिए खतरा बनेगा, उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा.

शाह ने एक पोस्ट में कहा, "जम्मू और कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन और अवामी एक्शन कमेटी को यूएपीए के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है. ये संगठन कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने के लिए उकसाते पाए गए, जिससे भारत की एकता और अखंडता को खतरा हुआ.

जो भी व्यक्ति देश की शांति और संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होगा, उसे मोदी सरकार की कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा."