मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली
कर्नाटक की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और प्रदेष के वक्फ बोर्ड ने मिलकर ‘हिजाब विवाद’ का हल निकाला है. प्रदेश के हाई कोर्ट के आदेश पर सूबे के षिक्षण संस्थानों में हिजाब सहित दूसरे धार्मिक चिन्होंने वाले ड्रेस पहनने पर पाबंदी है, जिसका खास तौर से मुस्लिम वर्ग विरोध कर रहा है.
स्थिति यह है कि षिक्षण संस्थानों में हिजाब पर पाबंदी से मुस्लिम छात्राओं की बड़ी संख्या पढ़ाई छोड़कर घर बैठ गई हैं.इस स्थिति से छात्राओं को निकाले के लिए कर्नाटक बोर्ड और प्रदेश की भाजपा सरकार ने मिलकर हल निकाला है.
बीजेपी सरकार और वक्फ बोर्ड सूबे में मिलकर मुस्लिम लड़कियों के लिए 10 नए कॉलेज खोलेंगे.सूत्रों के अनुसार, सरकार अपने फैसले पर आगे बढ़ रही है. इसके लिए 2.50 करोड़ रुपये का अनुदान आवंटित किया है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इस महीने कॉलेजों की आधारशिला रखेंगे.
सूत्रों ने कहा कि शुरुआत में मलनाड और उत्तर कर्नाटक क्षेत्रों में कॉलेज बनाए जा रहे हैं. बाद में इसका विस्तार किया जाएगा.कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना शफी सादी ने कहा कि विशेष कॉलेजों के लिए बोर्ड द्वारा प्रस्ताव दिया गया था. यह निर्णय बड़ी संख्या में मुस्लिम लड़कियों द्वारा हिजाब पहनने की अनुमति न देने पर घर पर रहने का विकल्प चुनने के बाद लिया गया है.
उन्होंने कहा, प्रस्ताव केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को दिया गया था. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर्नाटक के मुजरई मंत्री शशिकला जोले और कलाबुर्गी के सांसद उमेश जाधव ने किया.राज्य सरकार ने प्रस्ताव पर सहमति दे दी है. मैं मंत्री शशिकला जोले को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुस्लिम लड़कियों को शिक्षित करने के लिए एक बहन की तरह नेतृत्व किया.
हिंदू संगठनों का विरोध
सरकार के इस फैसले का हिंदूवादी संगठन विरोध कर रहे हैं. हिंदू जन जागृति समिति के नेता मोहन गौड़ा ने कहा कि अगर मुस्लिम लड़कियों के कॉलेज बन रहे हैं तो हिंदू शिक्षण संस्थान भी बनने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय धर्मनिरपेक्षता और संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है. गौड़ा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक ने राज्य सरकार को कॉलेजों के निर्माण के खिलाफ चुनौती दी है. कहा है कि राज्य में इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी.उन्होंने कहा, हमने कभी नहीं सोचा था कि बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले मुसलमानों के तुष्टिकरण में शामिल होगी. यह एक विभाजनकारी फैसला है. इससे छात्रों में विभाजनकारी मानसिकता विकसित होगी.
इनपुट: एजेंसी