ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
जुलाई को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान 3 ने उड़ान भरी जिसमें भारत के महान वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत रही और उनमें वैज्ञानिक अरीब अहमद का भी योगदान रहा.
हाल ही में चंद्रयान-3 के सफल परीक्षण ने भारत को वैश्विक स्तर पर अलग पहचान दिलाई हैं. भारत दिन प्रतिदिन नए नए कीर्तिमान रच रहा हैं जिसके कारण आज पूरी दुनियां भारत की तरफ़ देख रहीं हैं.
आपको बता दें कि, चंद्रयान-3 की कामयाबी में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर ज़िले में रहने वाले मुस्लिम वैज्ञानिक अरीब अहमद का भी बहुत बड़ा योगदान रहा हैं.
इस मिशन की कामयाबी का पूरा श्रेय हमारे महान वैज्ञानिक को जाता हैं, जिन्होंने दिन रात मेहनत करके चंद्रयान-3 का सफल परीक्षण किया.
अरीब अहमद श्रीहरिकोटा में इसरो के इंजीनियर सेक्शन में वैज्ञानिक हैं, लगभग डेढ़ महीने पहले उनके सेक्शन को जांच के लिए चंद्रयान-3 मिला था, इनकी जांच के बाद ही चंद्रयान-3 दूसरे सेक्शन को भेजा था और बीते शुक्रवार को इसको लांच किया गया हैं.
अरीब के मुताबिक, वर्ष 2021 से वे इसरो में नौकरी कर रहे हैं, जब से उन्होंने इसरो ज्वॉइन किया हैं तभी से चंद्रयान-3 की तैयारी चल रही थी. आज इस टीम का हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रहीं हैं, मिशन चंद्रयान-3 हमेशा उनके दिल के करीब रहा. मिशन चंद्रयान-3 को सफल बनाना इसरो का सपना था किसकी शुरुवात हो चुकी है और उन्हें उम्मीद है कि वे इसमें अवश्य कामयाबी हासिल करेंगे.
टीम का हिस्सा रहे अरीब के परिवार ने भी खुशी मनाई. पिता काजी महताब जिया बेहद खुश है. मामा असद फारूखी कहते हैं कि यह गौरव की बात है. अरीब शुरू से ही होनहार था और अपनी कड़ी मेहनत के दम पर आगे बढ़ा.
अरीब ने होल्डन हार्ट एकेडमी से पढ़ाई करने के बाद भारतीय खाद्य निगम में नौकरी की और यहीं रहते हुए उसने दूसरी नौकरी की तैयारी की. यहीं से दो साल पहले अरीब का इसरो में चयन हुआ.
मिशन चंद्रयान-3 का हिस्सा रहे खतौली निवासी वैज्ञानिक अरीब अहमद के मुताबिक चंद्रयान मिशन हमेशा उनके दिल में बसा था. नौकरी शुरू की, तब से इस पर काम चल रहा था. किसी न किसी रूप में अभियान का हिस्सा बनकर खुशी मिली.