आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
इज़राइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने रविवार को कहा कि शनिवार से अब तक गाज़ा में लगभग 140 ‘आतंकी ठिकानों’ पर कार्रवाई की गई है।
आईडीएफ के मुताबिक, इज़राइली वायुसेना (आईएएफ) ने एंटी-टैंक मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए सैन्य ढाँचों और लड़ाकू ठिकानों को ध्वस्त किया।
आईडीएफ ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “ऑपरेशनल अपडेट: गाज़ा सिटी – आईडीएफ सैनिकों और आईएएफ ने मिलकर सैन्य ढांचों और लड़ाकू ठिकानों को नष्ट किया और एंटी-टैंक मिसाइल दागने वाले कई आतंकियों की पहचान कर उन्हें समाप्त किया।”
एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “दक्षिणी गाज़ा – आईडीएफ सैनिकों ने आतंकियों को मार गिराया और निगरानी उपकरण व सैन्य ढांचे को ध्वस्त किया। पिछले दिन में आईएएफ ने गाज़ा में लगभग 140 आतंकी ठिकानों पर हमला किया।”
इस बीच, हमास ने कहा है कि गाज़ा में युद्धविराम के लिए हो रही बातचीत इज़राइल के हमास वार्ता दल पर सितंबर की शुरुआत में क़तर की राजधानी दोहा में हुए हमले के बाद से निलंबित है और उसे मध्यस्थों से कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला है। हालांकि संगठन ने बयान में कहा कि वह किसी भी मध्यस्थ के प्रस्ताव पर ‘सकारात्मक विचार’ करने को तैयार है।
इधर, इज़राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गवीर ने जोर देकर कहा है कि आतंकवादियों को मृत्युदंड देने के प्रस्तावित विधेयक से बंधकों को घर वापस लाने में मदद मिलेगी। ‘द टाइम्स ऑफ इज़राइल’ के अनुसार, उन्होंने विवादास्पद विधेयक पर चर्चा टालने के अनुरोध को खारिज कर दिया।
बेन गवीर ने कनेसेट (इज़राइली संसद) की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति से कहा कि यह विधेयक “आतंकियों को हतोत्साहित करेगा” और “बंधकों की वापसी” को आगे बढ़ाएगा, साथ ही हमास को दिखाएगा कि “उन्होंने जो किया उसका दाम चुकाना होगा।”
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के लोगों ने उनसे चर्चा टालने का अनुरोध किया था। “उन्होंने हमें बताया कि हम जेल में बंद आतंकियों की शर्तें नहीं बदल सकते… यह सही नहीं है, उचित नहीं है, इससे आतंकियों का गुस्सा भड़क सकता है और इंतिफ़ादा (विद्रोह) हो सकता है,” उन्होंने कहा।