नई दिल्ली
इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े दोषी आतंकवादी साकिब नाचन की शनिवार को नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। तिहाड़ जेल अधिकारियों के अनुसार, नाचन को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
साकिब नाचन 27 दिसंबर 2023 से तिहाड़ जेल संख्या-1 में बंद था। स्वास्थ्य की स्थिति बिगड़ने के बाद 22 जून को उसे दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल भेजा गया था और 25 जून को सफदरजंग अस्पताल स्थानांतरित किया गया। शनिवार सुबह करीब 11:30 बजे उसकी मृत्यु हो गई, जिसकी जानकारी तिहाड़ प्रशासन को शाम 4 बजे दी गई।
साकिब नाचन 2002 और 2003 के मुंबई बम धमाकों में शामिल रहने के आरोप में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका था और वह भारत में खुद को ISIS का "अमीर-ए-हिंद" बताता था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जून 2024 में साकिब नाचन समेत 16 कट्टरपंथी ISIS एजेंटों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इन सभी पर दिल्ली-पडघा ISIS टेरर मॉड्यूल केस में युवाओं की कट्टरपंथी भर्ती, विस्फोटक उपकरण बनाने, ISIS की विचारधारा फैलाने और आतंकी हमलों की साजिश रचने के गंभीर आरोप थे।
इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम [UA(P) Act], आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया कि इन लोगों ने देश में ISIS की विचारधारा को फैलाने, युवाओं को उकसाने, IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज़) बनाने, और आतंक के लिए फंड इकट्ठा करने जैसी कई साजिशें रची थीं।
NIA की जांच के दौरान ISIS के कई प्रोपेगेंडा मैगज़ीन जैसे ‘वॉइस ऑफ हिंद’, ‘रुमियाह’, ‘खिलाफत’ और ‘दाबिक’ के दस्तावेज़ और डाटा जब्त किए गए थे, जो विस्फोटक उपकरणों के निर्माण से संबंधित थे। नाचन और उसके साथियों द्वारा IED से जुड़े डिजिटल फाइल्स को अन्य संपर्कों के साथ साझा करने के भी प्रमाण मिले थे।
एजेंसी ने बताया कि ये सभी आरोपी ISIS के एजेंडे के तहत भारत में आतंक फैलाने, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को नुकसान पहुंचाने की दिशा में सक्रिय थे और आतंकी हमलों की तैयारी में जुटे हुए थे। इनमें कई ऐसे युवा भी शामिल थे जिन्हें कट्टरपंथी विचारधारा के जरिए संगठन में शामिल किया गया था।