आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय नौसेना ने सोमवार को यहां नौसेना की गोदी में एक औपचारिक कार्यक्रम के दौरान दूसरे पनडुब्बी रोधी युद्धक, उथले पानी के जलपोत 'अन्द्रोथ' को अपने बेड़े में शामिल किया।
नौसेना के अनुसार, 'अन्द्रोथ' के शामिल होने से उसकी पनडुब्बी रोधी युद्धक (एएसडब्ल्यू) क्षमताएं बढ़ जाएंगी, जिसका लाभ मुख्य रूप से तटीय और उथले पानी में होने वाले अभियानों को मिलेगा।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने की। इस दौरान वरिष्ठ नौसेना अधिकारी और शिपयार्ड के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
ईएनसी की एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "अन्द्रोथ का शामिल होना नौसेना के स्वदेशीकरण और क्षमता बढ़ाने के जारी प्रयासों में एक और बड़ा कदम है।"
कोलकाता स्थित एक कंपनी द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित इस जलपोत के निर्माण में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी कलपुर्जों और सामग्री का उपयोग किया गया है, जो भारत की बढ़ती जहाज निर्माण शक्ति को दर्शाता है।