भारत का खेल बाज़ार 2030 तक 10-12% की दर से बढ़ेगा, खेल उपकरणों का निर्यात 660 मिलियन डॉलर तक

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-07-2025
India's sports market will grow at a rate of 10-12% by 2030, export of sports equipment up to $ 660 million
India's sports market will grow at a rate of 10-12% by 2030, export of sports equipment up to $ 660 million

 

नई दिल्ली

भारत का खेल बाज़ार 2030 तक 10-12 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने की ओर अग्रसर है। CareEdge Ratings की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की खेलों को बढ़ावा देने वाली पहलों और फिटनेस के प्रति बढ़ती रुचि इस विकास को मजबूती प्रदान कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में भारत के खेल बाज़ार का कुल मूल्य लगभग 52 अरब डॉलर है। इसमें से कोर (मुख्य) उप-क्षेत्रों का योगदान 31 अरब डॉलर है, जबकि सहायक क्षेत्रों का हिस्सा 21 अरब डॉलर है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले वर्षों में यह रुझान जारी रहेगा, क्योंकि अधिक से अधिक लोग खेल और फिटनेस की ओर आकर्षित हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया, “भारत का खेल बाज़ार... लगातार विकास की राह पर है, जो 2030 तक 10-12 प्रतिशत की CAGR तक पहुंच सकता है।”

इस वृद्धि के पीछे प्रमुख कारकों में से एक भारतीय खेल उपकरण निर्माण क्षेत्र की स्थिर प्रगति है। वर्तमान में, यह क्षेत्र भारत की जीडीपी में लगभग 0.9 प्रतिशत का योगदान देता है — जो विश्व के कई शीर्ष खेल राष्ट्रों के बराबर है।

खेल क्षेत्र का अन्य उद्योगों जैसे मीडिया, दूरसंचार, शिक्षा, रियल एस्टेट और पर्यटन से गहरा संबंध है। यह घनिष्ठ जुड़ाव खेल उद्योग को एक मजबूत मल्टीप्लायर इफेक्ट प्रदान करता है, जो न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक विकास, स्वास्थ्य और जनकल्याण को भी बढ़ावा देता है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत से खेल सामग्रियों का निर्यात बीते वर्षों में लगातार बढ़ रहा है, जिससे वैश्विक मांग और घरेलू निर्माण की ताकत झलकती है। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दस महीनों (अप्रैल 2024 से जनवरी 2025) में खेल सामग्री का निर्यात 497.3 मिलियन डॉलर रहा। CareEdge Ratings को उम्मीद है कि यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़कर लगभग 660 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।

भारत अपने कुल खेल उपकरणों का लगभग 60 प्रतिशत निर्यात करता है। इस उत्पादन में पंजाब के जालंधर और उत्तर प्रदेश के मेरठ की भागीदारी 75-80 प्रतिशत के आसपास है।

इन स्थापित केंद्रों के अलावा अब तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और जम्मू जैसे नए विनिर्माण क्षेत्र उभर रहे हैं। ये केंद्र खेल परिधान, सिंथेटिक सामग्री और इनडोर स्पोर्ट्स एक्सेसरीज़ जैसे विशिष्ट क्षेत्रों पर केंद्रित हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। यदि सरकार द्वारा उपयुक्त सुधार और अधोसंरचना विकास सुनिश्चित किया गया, तो यह उद्योग आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था में और अधिक महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।