नई दिल्ली. चीन, रूस, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर उन देशों में से हैं, जहां हाल ही में समाप्त वित्तीय वर्ष में भारत के निर्यात में काफी वृद्धि हुई है. शीर्ष 10 सूची में अन्य देश यूके, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, नीदरलैंड और दक्षिण अफ्रीका हैं.
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में समाप्त वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का कुल निर्यात, माल और सेवाएं संयुक्त रूप से 776.68 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो कि वार्षिक आधार पर काफी हद तक स्थिर है.
ब्रेक अप में व्यापारिक वस्तुओं का निर्यात 3.1 प्रतिशत घटकर 437.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया और सेवाओं का निर्यात 4.4 प्रतिशत बढ़कर 339.62 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.
मार्च 2024 में निर्यात की बात करें, तो व्यापारिक निर्यात 0.7 प्रतिशत घटकर 41.68 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सेवा निर्यात 6.3 प्रतिशत गिरकर 28.54 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.
2022-23 में भारत का कुल निर्यात 775.87 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जो सालाना आधार पर 14 प्रतिशत से अधिक और लगभग 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि है.
आयात की बात करें तो 2023-24 में भारत का कुल आयात 4.8 प्रतिशत घटकर 854.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया. मार्च 2024 में माल और सेवा निर्यात में क्रमशः 5.41 प्रतिशत और 2.46 प्रतिशत की गिरावट आई.
सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों में भारतीय निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने, निवेश आकर्षित करने, निर्यात बढ़ाने, भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामान सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू करना शामिल था. ऐसा प्रतीत होता है कि इनसे लाभ प्राप्त हुआ है.
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