India ready to make major progress in quantum technology, AI with US: Union Minister
नई दिल्ली
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अमेरिका के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, महत्वपूर्ण धातुओं और अर्धचालक क्षेत्रों में बड़ी प्रगति करने के लिए तैयार है.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, कार्यकारी उपाध्यक्ष एडवर्ड नाइट के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की.
मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा को याद किया और भारत में ग्रीनफील्ड अक्षय ऊर्जा, बैटरी भंडारण और उभरती हुई हरित प्रौद्योगिकी परियोजनाओं की तैनाती पर संयुक्त वक्तव्य पर प्रकाश डाला.
डॉ. सिंह ने एआई और मशीन लर्निंग में सरकार के दृष्टिकोण पर जोर दिया और यूएसआईबीसी द्वारा विकसित एआई टास्क फोर्स के साथ इसके एकीकरण पर आशा व्यक्त की.
मंत्री ने बताया, "विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) पर काम किया जा रहा है, जो टास्क फोर्स के साथ जुड़े हुए हैं."
भारत अब अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों में अग्रणी राष्ट्र है.
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को अमेरिका में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की तर्ज पर 'अनुसंधान एनआरएफ' के बारे में भी बताया.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में पिछले दशक में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने याद दिलाया कि 4,000 से अधिक कंपनियों के साथ जैव प्रौद्योगिकी उद्योग 140 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
नासा और इसरो के बीच एक संयुक्त मिशन - निसार - भी अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की ताकत का सबूत है.
उन्होंने नई अंतरिक्ष नीति और हाल के महीनों में इसके लाभों का भी उल्लेख किया.
नाइट ने भारत के 'जेएएम' (जन धन योजना, आधार और मोबाइल) ट्रिनिटी और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मॉडल की सराहना की और मंत्री को '49वें भारत विचार शिखर सम्मेलन 2024' के लिए आमंत्रित किया.