भारत में मानसून के बाद सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना: आईएमडी

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 30-09-2025
India likely to receive above-normal post-monsoon rainfall: IMD
India likely to receive above-normal post-monsoon rainfall: IMD

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
उत्तर-पश्चिम के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर भारत के अधिकांश भागों में अक्टूबर से दिसंबर के मानसून-पश्चात मौसम के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। यह जानकारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को दी.
 
चार महीने का दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसम मंगलवार को समाप्त हो गया, जिसमें देश में सामान्य से आठ प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई.
 
आईएमडी महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से कम वर्षा हो सकती है.
 
उन्होंने कहा कि जून-सितंबर के दौरान हुई भरपूर बारिश के बाद, अक्टूबर में वर्षा सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है.
 
महापात्र ने कहा, ‘‘अक्टूबर में उत्तरी मैदानी इलाकों, मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की उम्मीद है. जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और गुजरात के सौराष्ट्र एवं कच्छ क्षेत्रों में तापमान सामान्य से अधिक रहेगा.’
 
भारत में इस मानसून के दौरान 868.6 मिलीमीटर की सामान्य बारिश की तुलना में 937.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो आठ प्रतिशत अधिक है.
 
पूर्वी और उत्तरपूर्व भारत में 1089.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य बारिश 1367.3 मिलीमीटर से 20 प्रतिशत कम है। महापात्र ने बताया कि बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में मानसून के चार महीनों में से तीन महीनों में कम बारिश हुई.
 
उन्होंने कहा, ‘‘इस मानसून में पूर्वी और उत्तरपूर्व भारत में बारिश 1901 के बाद से दूसरी बार सबसे कम रही। इस क्षेत्र में मानसून के दौरान सबसे कम बारिश (1065.7 मिलीमीटर) 2013 में दर्ज की गई थी। अध्ययनों से पता चलता है कि पिछले दो दशकों में इस क्षेत्र में वर्षा में कमी आई है."
 
महापात्र ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में 747.9 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य बारिश से 27.3 प्रतिशत अधिक है। महापात्र ने कहा कि यह 2001 के बाद से सबसे अधिक और 1901 के बाद से छठी सबसे अधिक बारिश है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के सभी जिलों में जून, अगस्त और सितंबर में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई.