न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत, रूस से तेल खरीद के मामले में चीन के "बहुत करीब" है और अब उस पर 50 प्रतिशत का टैरिफ (शुल्क) लगाया गया है। उन्होंने संकेत दिया कि आगे और भी सेकेंडरी प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।
बुधवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, हमने भारत पर 50 प्रतिशत तेल टैरिफ लगाया है। वे रूस से तेल खरीदने के मामले में चीन के बहुत करीब हैं।”
ट्रंप ने बुधवार सुबह एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए जिसका शीर्षक था — "रूसी संघ की सरकार से अमेरिका को होने वाले खतरे का समाधान". इसके तहत भारत पर पहले से लागू 25 प्रतिशत टैरिफ में और 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है — जो अब तक अमेरिका द्वारा किसी देश पर लगाया गया सबसे ऊंचा शुल्क है। नया शुल्क 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
इस दौरान ट्रंप के साथ ऐप्पल के सीईओ टिम कुक, उपराष्ट्रपति जे डी वांस, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लटनिक मौजूद थे। इस कार्यक्रम में ऐप्पल ने अगले चार वर्षों में अमेरिका में 600 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की।
जब ट्रंप से भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के फैसले के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “अगर मैं यूक्रेन और रूस के बीच कोई समझौता करता हूं, तो उस समय देखा जाएगा कि भारत पर टैरिफ जारी रखना है या नहीं। फिलहाल वे 50 प्रतिशत शुल्क का भुगतान कर रहे हैं।”
जब पत्रकारों ने कहा कि चीन जैसे अन्य देश भी रूसी तेल खरीद रहे हैं, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “ठीक है।”
जब पूछा गया कि सिर्फ भारत को क्यों निशाना बनाया गया, तो ट्रंप ने कहा, “यह सिर्फ आठ घंटे पुराना फैसला है। आगे क्या होता है, देखते हैं... आप और बहुत कुछ देखेंगे। बहुत सारे सेकेंडरी प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।”
गौरतलब है कि अमेरिका ने इस प्रकार का अतिरिक्त शुल्क अभी तक केवल भारत पर लगाया है, जबकि चीन और तुर्किये जैसे अन्य खरीदार इससे बचे हुए हैं। चीन पर जहां 30 प्रतिशत और तुर्किये पर 15 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है, वहीं भारत पर यह 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन पर भी इसी तरह के और टैरिफ लगाए जाएंगे, तो ट्रंप ने कहा, “हो सकता है, हो सकता है। यह इस पर निर्भर करेगा कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं।”
एक अन्य सवाल पर ट्रंप ने कहा, “संभव है कि हम चीन पर भी ऐसा करें। अभी तय नहीं किया गया है। हमने भारत के साथ यह किया है, और संभव है कि कुछ और देशों के साथ भी किया जाए।”
इस फैसले पर भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे टैरिफ लगाए हैं, जबकि कई अन्य देश भी अपने-अपने राष्ट्रीय हितों के तहत यही कर रहे हैं।
MEA ने कहा, “हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि हमारे तेल आयात बाजार की स्थितियों और भारत की 1.4 अरब आबादी की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किए जाते हैं।”
बयान में कहा गया, “हम इन कदमों को अनुचित, अन्यायपूर्ण और तर्कहीन मानते हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगा।”
ट्रंप द्वारा जारी कार्यकारी आदेश में कहा गया है, “भारत सरकार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूसी तेल का आयात कर रही है। इसलिए भारत से अमेरिका में आने वाले उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।”
साथ ही ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि अमेरिका में आयात होने वाले चिप्स और सेमीकंडक्टर्स पर लगभग 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। हालांकि, यदि कोई कंपनी अमेरिका में निर्माण कर रही है या निर्माण की प्रक्रिया में है, तो उस पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
भारत अपनी कुल कच्चे तेल की जरूरत का करीब 88 प्रतिशत आयात करता है, जिसे पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों में बदला जाता है। 2021 तक रूस से भारत का तेल आयात बहुत मामूली — मात्र 0.2 प्रतिशत — था। लेकिन यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते रूसी तेल अंतरराष्ट्रीय कीमतों से सस्ता हो गया, और भारत ने इसका लाभ उठाते हुए बड़ी मात्रा में आयात शुरू कर दिया। अब रूस, भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है।
जुलाई 2025 में भारत ने प्रतिदिन लगभग 50 लाख बैरल तेल आयात किया, जिसमें से 16 लाख बैरल रूस से आया।
इस नए शुल्क के लागू होने के बाद भारत पर लगने वाला टैरिफ सबसे अधिक हो गया है — ब्राज़ील के साथ मिलकर 50 प्रतिशत। इसके बाद अन्य प्रतिस्पर्धी देशों पर शुल्क कम है: म्यांमार (40%), थाईलैंड और कंबोडिया (36% each), बांग्लादेश (35%), इंडोनेशिया (32%), चीन और श्रीलंका (30% each), मलेशिया (25%), फिलीपींस और वियतनाम (20% each)।
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका और भारत के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की छठे दौर की वार्ता 25 अगस्त से भारत में होनी है।