India is continuously moving ahead by proving everyone's predictions wrong: RSS chief Bhagwat
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि ‘ज्ञान, कर्म और भक्ति की संतुलित त्रिवेणी’ के पारंपरिक दर्शन पर श्रद्धा रखने की बदौलत भारत सबकी भविष्यवाणियां झूठी साबित करके लगातार आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने यह बात ऐसे वक्त कही जब देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में उम्मीद से बेहतर 7.80 प्रतिशत रही है। अमेरिका की ओर से भारी शुल्क लगाए जाने से पहले की पांच तिमाहियों में यह सबसे अधिक है.
भागवत ने मध्यप्रदेश के काबीना मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की पुस्तक ‘परिक्रमा कृपा सार’ का इंदौर में विमोचन किया.
संघ प्रमुख ने इस मौके पर आयोजित समारोह में कहा कि भारतीय नागरिकों के पूर्वजों ने अनेक पंथ-संप्रदायों के माध्यम से कई रास्ते दिखाकर सबको बताया है कि ज्ञान, कर्म और भक्ति की संतुलित त्रिवेणी जीवन में कैसे बहाई जाती है.
भागवत ने कहा कि भारत जीवन जीने के इस पारंपरिक दर्शन पर आज भी श्रद्धा रखता है, इसलिए सबकी भविष्यवाणियां झूठी साबित करके देश विकास के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है.
संघ प्रमुख ने कहा,"(ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री) विंस्टन चर्चिल ने एक बार कहा था कि (ब्रितानी शासन से) स्वतंत्र होने पर तुम (भारत) टिक नहीं सकोगे और बंट जाओगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब खुद इंग्लैंड बंटने की स्थिति में आ रहा है, पर हम नहीं बंटेगे। हम आगे बढ़ेंगे। हम कभी बंट गए थे, लेकिन वह भी हम मिला लेंगे फिर से.
भागवत ने कहा कि निजी स्वार्थों के कारण ही दुनिया में अलग-अलग संघर्ष चलते हैं और सारी समस्याएं सामने आती हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत जब 3,000 वर्षों तक दुनिया का सिरमौर था, तब दुनिया में कोई कलह नहीं थी.
भागवत ने कहा कि भारत में गौ माता, नदियों और पेड़-पौधों की पूजा के जरिये प्रकृति की आराधना की जाती है और प्रकृति से देश का नाता जीवंत और चैतन्य अनुभूति पर आधारित है.