India in a 'war-like' situation, govt has steely resolve, says ex-diplomat Bambawale
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
पाकिस्तान में पूर्व उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को "युद्ध जैसी स्थिति" बताया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास "दृढ़ संकल्प" है और उसे अपने उद्देश्यों की स्पष्ट समझ है. बंबावाले शुक्रवार को पुणे इंटरनेशनल सेंटर (पीआईसी) द्वारा आयोजित 'ऑपरेशन सिंदूर' विषय पर पैनल चर्चा में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, "मैं मौजूदा स्थिति को 'युद्ध जैसी स्थिति' कहना चाहूंगा.
जब मैं युद्ध जैसी स्थिति कहता हूं, तो मेरा मतलब है कि हम पूर्ण पैमाने पर युद्ध की कगार पर हैं, लेकिन हम अभी वहां नहीं पहुंचे हैं." चीन में भारत के पूर्व राजदूत ने कहा कि युद्ध जैसी स्थिति में किसी देश के लिए तीन तत्व महत्वपूर्ण होते हैं. बंबावाले ने कहा, "पहला तत्व है - सरकार. जैसा कि हम जानते हैं, पिछले 10 से 12 वर्षों से इस सरकार ने दृढ़ निश्चय किया है. उन्हें पता है कि उनके उद्देश्य क्या हैं, उन्हें पता है कि वे क्या करना चाहते हैं और उन्हें क्या लक्ष्य बनाना है.
दूसरा तत्व है सशस्त्र बल. हम जानते हैं कि भारतीय सशस्त्र बल सक्षम हैं और पिछले कुछ दिनों में हमने यह देखा है. सशस्त्र बलों में भी दृढ़ संकल्प है. वे जानते हैं कि राजनीतिक नेतृत्व और उनके नेतृत्व द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाए." उन्होंने कहा कि तीसरा तत्व है 'देश के लोग'. उन्होंने कहा, "किसी भी युद्ध जैसी स्थिति में, सभी चीजें एक ही दिशा में या दुश्मन के खिलाफ नहीं होती हैं. इसमें बाधाएं आती हैं और हमें भी निशाना बनाया जा सकता है, जिस तरह से पुंछ जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पाकिस्तान द्वारा निशाना बनाया गया था.
अगर हम उस तरह की स्थिति में आते हैं, तो देश के लोगों को दृढ़ संकल्प दिखाना चाहिए. उन्हें अपना ध्यान नहीं खोना चाहिए. यह आतंकवाद और आतंकवाद के अपराधियों और उन्हें वित्तपोषित करने और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ न्याय की लड़ाई है." चर्चा में अन्य पैनलिस्टों में लेफ्टिनेंट जनरल वी जी पाटनकर (सेवानिवृत्त), कर्नल विनायक भट, एयर मार्शल दीपेंदु चौधरी (सेवानिवृत्त) और कैप्टन डी के शर्मा (सेवानिवृत्त) शामिल थे. पीआईसी के निदेशक मेजर जनरल नितिन गडकरी (सेवानिवृत्त) ने पैनल का संचालन किया.