भारत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी को 'अत्‍यंत अनुचित' बताया, जर्मन राजनयिक की तलब

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 23-03-2024
Georg Enzweiler
Georg Enzweiler

 

नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश कार्यालय के प्रवक्ता की टिप्पणियों को "अत्‍यंत अनुचित" बताते हुए शनिवार को कहा कि वह इन टिप्पणियों को देश की न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के रूप में देखता है. जर्मन दूतावास के उप मिशन प्रमुख जॉर्ज एनजवीलर को तलब करते हुए विदेश मंत्रालय ने भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों को लेकर उनके समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कम करने के प्रयास के रूप में देखते हैं." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत "कानून के शासन के साथ एक जीवंत और मजबूत लोकतंत्र" है.

बयान में कहा गया है, "जैसा कि देश में और लोकतांत्रिक दुनिया में अन्य जगहों पर सभी कानूनी मामलों में होता है, कानून इस मामले में तत्काल अपना काम करेगा. इस संबंध में की गई पक्षपातपूर्ण टिप्पणियां बेहद अनुचित हैं."

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया तब आई, जब जर्मन विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर "ध्यान दिया है" और उम्मीद करता है कि "न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों के संबंध में मानक" लागू होंगे.

जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सेबेस्टियन फिशर की टिप्पणी इस बात के जवाब में थी कि देश की सरकार ने लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी का आकलन कैसे किया था.

फिशर ने अपने मंत्रालय की वेबसाइट में कहा, "हमने मामले पर ध्यान दिया है. भारत लोकतांत्रिक देश है. हम उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानक इस मामले में भी लागू होंगे."

बयान में कहा गया है, "आरोपों का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति की तरह केजरीवाल निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं, इसमें बिना किसी प्रतिबंध के सभी उपलब्ध कानूनी रास्ते का उपयोग करना शामिल है. निर्दोषता का अनुमान कानून के शासन का एक केंद्रीय तत्व है और उन पर लागू होना चाहिए."

प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी प्रमुख को दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों की मिलीभगत से कथित उत्पाद शुल्क घोटाले का सरगना करार दिया. इसमें दावा किया गया कि केजरीवाल कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 बनाने की साजिश में शामिल थे. एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को केजरीवाल को 28 मार्च तक छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया. 

 

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