लेह (लद्दाख)
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने गुरुवार को लेह में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में वर्तमान सुरक्षा स्थिति का मूल्यांकन करना था, खासतौर पर हालिया हिंसक घटनाओं और जनता की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के मद्देनज़र।
बैठक में मुख्य सचिव पवन कोटवाल, पुलिस महानिदेशक एस. डी. सिंह जम्वाल, भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जमीनी स्थिति की लगातार निगरानी, एजेंसियों के बीच तालमेल, और समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि शांति, सुरक्षा और जन व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने कहा, “लद्दाख हमेशा से शांति, सद्भाव और भाईचारे की मिसाल रहा है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व इस माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जनता को ऐसे तत्वों के बहकावे में नहीं आना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा और भलाई है। साथ ही, खुफिया तंत्र को और मज़बूत करने, समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने पर भी ज़ोर दिया।
कविंदर गुप्ता ने लद्दाख के विकास को लेकर कहा, “केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लद्दाख ने अभूतपूर्व प्रगति की है। हमारा लक्ष्य एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और विकसित लद्दाख का निर्माण करना है। कोई भी विघटनकारी शक्ति इस प्रगति को बाधित नहीं कर सकती।”
उन्होंने कल (24 सितंबर) की हिंसक घटना में घायल हुए लोगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एसएनएम अस्पताल लेह में कुल 90 मरीज लाए गए थे, जिनमें से तीन की अस्पताल लाते वक्त मौत हो चुकी थी, जबकि एक को मृत घोषित किया गया।
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7 लोग गंभीर रूप से घायल,
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20 को बड़े स्तर पर चोटें आईं,
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और 61 को मामूली चोटें लगीं।
50 मरीजों को उसी दिन छुट्टी दे दी गई, जबकि 7 की बड़ी सर्जरी की गई और 45 रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) किए गए।
25 सितंबर को एक गंभीर रूप से घायल मरीज को वायुसेना के विमान द्वारा दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया। वर्तमान में अस्पताल में 18 मरीज भर्ती हैं, जबकि 11 और मरीजों को आज छुट्टी दे दी गई। चारों मृतकों के शव सभी औपचारिकताओं के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
उपराज्यपाल के निर्देश पर लेह के उपायुक्त ने अस्पताल का दौरा कर चिकित्सा सुविधाओं की समीक्षा की और घायलों तथा उनके परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
अंत में उपराज्यपाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा,“लद्दाख की पहचान इसकी शांति और सद्भावना है। हमें मिलकर इस विरासत की रक्षा करनी है और हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है।”