मुंबई
अधिकारियों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने एक कम दबाव के क्षेत्र के कारण महाराष्ट्र के कई हिस्सों में 26 से 28 सितंबर के बीच बादल छाए रहने और बारिश होने की संभावना है।
महाराष्ट्र सरकार के सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय (डीजीआईपीआर) ने गुरुवार को एक्स पर एक बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 5 अक्टूबर से पहले राज्य से वापस जाने की उम्मीद नहीं है।
किसानों को सावधानी बरतने की सलाह
बयान में कहा गया है कि "दक्षिण विदर्भ और मराठवाड़ा के आस-पास के इलाकों में 26 सितंबर की दोपहर से मध्यम बारिश होने की संभावना है। गढ़चिरोली, चंद्रपुर, यवतमाल और नांदेड़ जिलों में बारिश होने की उम्मीद है, जबकि विदर्भ और मराठवाड़ा के बाकी हिस्सों में हल्की बारिश और बादल छाए रह सकते हैं।"
राज्य के कृषि विभाग ने किसानों को मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार अपनी कृषि गतिविधियों की योजना बनाने और कटी हुई फसलों को बारिश और तेज़ हवाओं से बचाने की सलाह दी है।
बाढ़ की चेतावनी और आपदा प्रबंधन की तैयारी
अधिकारियों ने दक्षिण मराठवाड़ा, कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के 'घाट' (पहाड़ी) क्षेत्रों में बांधों में जल स्तर में संभावित वृद्धि की भी चेतावनी दी है, जिससे नदियों और नालों में बाढ़ आ सकती है।
बयान में कहा गया है कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने और स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है।
सरकार ने कहा है कि इस महीने 31 जिलों में लगातार बारिश हो रही है। अब तक, राज्य में 50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि और खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसके अनुसार, राज्य आपदा राहत कोष से 2,215 करोड़ रुपये दिए गए हैं, और केंद्र से और अधिक धनराशि मांगी गई है।
पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण राज्य के कुछ हिस्सों, खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र में लाखों एकड़ में फसलों को नुकसान पहुंचा है और कुछ लोगों की जान भी चली गई है।