ताजमहल में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट: भीषण गर्मी बनी मुसीबत

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 10-06-2025
Huge drop in number of tourists visiting Taj Mahal: Scorching heat becomes a problem
Huge drop in number of tourists visiting Taj Mahal: Scorching heat becomes a problem

 

आवाज द वॉइस | नई दिल्ली

उत्तर भारत में झुलसाती गर्मी ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने से न सिर्फ स्वास्थ्य पर संकट बढ़ा है, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी जबरदस्त झटका लगा है.

इसकी सबसे बड़ी मिसाल आगरा में स्थित दुनिया की सात अजूबों में शुमार मोहब्बत की निशानी ताजमहल है, जहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में चिंताजनक गिरावट दर्ज की गई है.

30 हज़ार की रोज़ाना संख्या में 40% की गिरावट

आगरा का ताजमहल आम तौर पर हर दिन करीब 30,000 पर्यटकों को आकर्षित करता है, लेकिन जून की शुरुआत से ही दोपहर के समय यह संख्या 40 प्रतिशत तक घट गई है. आगंतुक अब भीषण धूप और गर्मी से बचने के लिए या तो सुबह जल्दी आते हैं या शाम के समय। दोपहर का समय लगभग वीरान दिखाई देता है.

भीषण गर्मी में पर्यटक हो रहे बीमार

स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, पिछले दो सप्ताह में दो दर्जन से अधिक पर्यटकों को हीट एक्सहॉशन, डिहाइड्रेशन और सनस्ट्रोक की शिकायत के चलते तत्काल इलाज देना पड़ा है. इनमें से ज़्यादातर वरिष्ठ नागरिक और बच्चे शामिल हैं.

एएसआई ने दी चेतावनी, सुबह-शाम का करें चयन

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम सभी आगंतुकों से आग्रह करते हैं कि वे ताजमहल सुबह जल्दी या शाम के बाद ही देखने आएं. दोपहर का तापमान खतरनाक स्तर तक पहुंच रहा है, खासकर बुजुर्ग और बच्चों के लिए..”

ताज परिसर में उठाए गए राहत के कदम

अधिकारियों ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ताज परिसर में कई अतिरिक्त व्यवस्थाएं की हैं:

  • अतिरिक्त जल स्टेशन

  • छायादार विश्राम क्षेत्र

  • चिकित्सा सहायता बूथ

  • सावधानी संबंधी बोर्ड व घोषणाएं

गर्म पत्थरों पर चलना भी हुआ मुश्किल

गौरतलब है कि ताजमहल के चारों ओर फैले लाल बलुआ पत्थर के रास्ते तेज धूप में गर्म होकर तपते तवे की तरह हो जाते हैं, जिस पर जूते पहनकर चलना भी पर्यटकों के लिए मुश्किल हो गया है. सफेद संगमरमर की चमक भी तेज धूप में आंखों को चुभने लगती है.

ताजमहल जैसा ऐतिहासिक स्मारक जहां साल भर देश-विदेश से लाखों लोग आते हैं, वहां इस प्रकार की गिरावट भारतीय पर्यटन उद्योग के लिए एक चिंताजनक संकेत है. जलवायु परिवर्तन और गर्मी की तीव्रता को देखते हुए अब प्रशासन और पर्यटन विभाग दोनों को दीर्घकालिक समाधान तलाशने होंगे.