शिमला (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के आधिकारिक आवास और कार्यस्थल को अब औपनिवेशिक काल के 'राज भवन' नाम की जगह 'लोक भवन' के नाम से जाना जाएगा। यह नाम बदलने का फैसला भारत सरकार के गृह मंत्रालय से मिले निर्देश के बाद लिया गया है। निर्देश मिलने के बाद, शिमला में राज्यपाल सचिवालय ने 9 दिसंबर, 2025 को एक औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया।
आधिकारिक सर्कुलर में लिखा था, "इसके द्वारा यह सूचित किया जाता है कि शिमला, हिमाचल प्रदेश में 'राज भवन' का नाम बदलकर 'लोक भवन' कर दिया गया है। यह नोटिफिकेशन तत्काल प्रभाव से लागू होता है।" यह फैसला भारतीय राज्यों के सभी राज भवनों का नाम बदलकर लोक भवन करने की देशव्यापी पहल का हिस्सा है। यह कदम राज्यपालों के एक राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रस्तावित किया गया था, जहां यह देखा गया कि 'राज भवन' शब्द औपनिवेशिक विरासत को दर्शाता है, जबकि 'लोक भवन' लोकतांत्रिक शासन और सार्वजनिक प्रतिनिधित्व की भावना का प्रतीक है।
हिमाचल प्रदेश का लोक भवन, जिसे पहले राज भवन कहा जाता था, ऐतिहासिक रूप से शिमला में बार्न्स कोर्ट के नाम से जाना जाता है। 1971 में हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्य बनने के बाद, पीटरहॉफ ने राज भवन के रूप में काम किया। हालांकि, आग लगने से पीटरहॉफ की इमारत को नुकसान पहुंचने के बाद, कामकाज बार्न्स कोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया।
बार्न्स कोर्ट का नाम मूल रूप से ब्रिटिश भारत के कमांडर-इन-चीफ एडवर्ड बार्न्स के नाम पर रखा गया था। यह इमारत हिमाचल प्रदेश के प्रमुख विरासत स्थलों में से एक मानी जाती है, जो एक महत्वपूर्ण स्थापत्य और ऐतिहासिक विरासत रखती है। (ANI)