धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश)
धर्मशाला स्काईवे रोपवे का संचालन गुरुवार को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। यह निर्णय पिलर नंबर-6 के पास हुए भारी भूस्खलन के बाद लिया गया।
एसडीएम मोहित रत्ना ने बताया कि जिला दंडाधिकारी, जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के अध्यक्ष भी हैं, ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संचालन निलंबित करने का आदेश जारी किया।
रत्ना ने कहा, “कुछ सड़कें पूरी तरह बह गई हैं और बेहद असुरक्षित हैं, जैसे जोगिबाड़ा रोड और जोखरडांडा रोड। इसी बीच हमें रिपोर्ट मिली कि धर्मशाला स्काईवे रोपवे के पिलर नंबर-6 के बेहद करीब, लगभग 10 फीट की दूरी पर, भारी भूस्खलन हुआ है। इसलिए जिला दंडाधिकारी ने एहतियातन रोपवे संचालन पर रोक लगाने का आदेश दिया है।”
इस मामले में केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला और अन्य विभागों के भू-विज्ञान विशेषज्ञों की एक तकनीकी समिति गठित की गई है। यह समिति रोपवे की सुरक्षा का निरीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट 22 मई सुबह 11 बजे तक प्रस्तुत करेगी।रिपोर्ट के आधार पर यह तय होगा कि रोपवे संचालन फिर से शुरू किया जाए या निलंबन जारी रखा जाए।
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) के अनुसार, 20 जून से अब तक 276 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 143 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं — जैसे भूस्खलन, अचानक बाढ़ और मकान ढहने से हुईं, जबकि 133 लोग सड़क हादसों में मारे गए।
पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 366 सड़कें बंद, 929 जगहों पर बिजली बाधित और 139 पेयजल योजनाएँ ठप रही हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग-305 (कुल्लू) और एनएच-154 (मंडी) भूस्खलन और सड़क धंसने के कारण बंद हैं। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सिरमौर और चंबा सहित कई जिलों में दर्जनों संपर्क मार्ग भी बंद पड़े हैं।
धर्मशाला स्काईवे, जो 1.8 किलोमीटर लंबा है और पर्यटकों को खूबसूरत दृश्य दिखाता है, फिलहाल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए पूरी तरह से बंद रहेगा।