हैदराबाद. तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शनिवार को खुसरो मंजिल के विध्वंस को लेकर नगर प्रशासन, जीएचएमसी, एचएमडीए और पुलिस अधिकारियों के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी किया. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति अभिनंद कुमार शाविली की पीठ ने एक विरासत भवन के विध्वंस के पीछे का कारण पूछते हुए संबंधित अधिकारियों को जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया.
बाला रामचंद्रम और रेजिडेंट्स हिल व्यू कॉलोनी के चार अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किए गए.
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में हेरिटेज बिल्डिंग को गिराए जाने पर सवाल उठाए हैं. उनके वकील पी कृष्ण कीर्तन ने न केवल हेरिटेज बिल्डिंग के जीर्णोद्धार की मांग की बल्कि विध्वंस के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर जुर्माना लगाने की भी मांग की.
खुसरो मंजिल को 1920 में बनाया गया था, जो खुसरो जंग बहादुर का निवास था, जो सातवें निजाम, मीर उस्मान अली खान की सेना के मुख्य कमांडिंग ऑफिसर थे.
हुडा (हैदराबाद शहरी विकास प्राधिकरण) दिशानिर्देशों के तहत इसे ग्रेड टू विरासत संरचना के रूप में वर्गीकृत किया गया था.
इमारत का एक हिस्सा 2021 में ध्वस्त कर दिया गया था और हाल ही में, यह पूरी तरह से मलबे में बदल गया था.
एक अन्य महत्वपूर्ण विरासत संरचना, एर्रम मंजिल कुछ साल पहले खबरों में थी, जब तेलंगाना सरकार ने एक नए विधानसभा भवन के निर्माण के लिए ऐतिहासिक इमारत को ध्वस्त करने का फैसला किया था. तेलंगाना ने राज्य सरकार को विरासत भवन को ध्वस्त नहीं करने का निर्देश दिया था.