आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े द्वारा दाखिल मानहानि याचिका की विचारणीयता (maintainability) पर सवाल उठाया है। वानखेड़े ने नेटफ्लिक्स पर प्रसारित वेब सीरीज़ 'The Bad Boyz of Bollywood' में अपने कथित चित्रण को लेकर आपत्ति जताई थी और उसे हटाने की मांग की है।
वानखेड़े का आरोप है कि सीरीज़ में एक ऐसा पात्र दिखाया गया है जो उनके जैसा दिखता है और उसका चित्रण अपमानजनक, झूठा और दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जानबूझकर किया गया प्रयास है जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जाए।
उनके अनुसार, "प्रतिवादी ने जानबूझकर एक ऐसा चरित्र गढ़ा है जो मेरे व्यक्तित्व, व्यवहार और घटनाओं से मेल खाता है। यह एक नकारात्मक छवि पेश करने और मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास है।"
वानखेड़े ने ₹2 करोड़ के हर्जाने की मांग करते हुए निम्न पक्षों को प्रतिवादी बनाया है:
Red Chillies Entertainment Pvt. Ltd. (शाहरुख खान और गौरी खान के स्वामित्व वाली कंपनी)
Netflix
'X' Corp (पूर्व में Twitter)
Meta (Facebook और Instagram) की मूल कंपनी
RPG Lifestyle Media Pvt. Ltd.
और अन्य अज्ञात (John Doe) प्रतिवादी
उन्होंने सीरीज़ को हटाने और भविष्य में उनके बारे में किसी भी मानहानिकारक कंटेंट के प्रकाशन, प्रसारण या साझा करने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा (injunction) की मांग की है।
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने याचिका की भौगोलिक विचारणीयता पर सवाल उठाया और पूछा:
“दिल्ली में इस याचिका की सुनवाई कैसे हो सकती है? क्या वाद का कारण यहीं उत्पन्न हुआ है?”
वानखेड़े की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने दलील दी:
“यह वेबसीरीज़ दिल्ली में भी प्रसारित हो रही है और इसे यहां के दर्शक भी देख रहे हैं। इसलिए मेरी मानहानि दिल्ली में भी हो रही है।”
कोर्ट ने वानखेड़े से याचिका में संशोधन कर यह स्पष्ट करने को कहा कि वाद का कारण दिल्ली में कैसे उत्पन्न हुआ।
यह मामला उस संदर्भ में उठाया गया है जब वानखेड़े ने अक्टूबर 2021 में मुंबई में एक क्रूज़ ड्रग्स केस के तहत अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। वह मामला अभी भी बॉम्बे हाईकोर्ट और मुंबई की विशेष NDPS अदालत में लंबित है।
वानखेड़े का दावा है कि इस सीरीज़ की सामग्री उन्हें व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाती है, और इस कारण सोशल मीडिया पर उन्हें धमकी भरे संदेश भी मिल रहे हैं।
वानखेड़े की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी पेश हुए।
Red Chillies की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्येल त्रेहान और अधिवक्ता रोहन पोद्दार उपस्थित हुए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने फिलहाल कोई अंतिम आदेश पारित नहीं किया है, लेकिन वानखेड़े को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी याचिका में वाद उत्पत्ति स्थल के संबंध में स्पष्टता प्रदान करें। अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी।