सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शीर्ष माओवादी कमांडर के शव को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 26-09-2025
SC directs preservation of body of top Maoist commander killed in police encounter
SC directs preservation of body of top Maoist commander killed in police encounter

 

नई दिल्ली
 
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ पुलिस को नारायणपुर जिले में कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए शीर्ष माओवादी कमांडर कथा रामचंद्र रेड्डी के शव को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।
 
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ और यातना का आरोप लगाने वाली याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने तक शव को न तो दफनाया जाए और न ही उसका अंतिम संस्कार किया जाए।
 
पीठ ने निर्देश दिया, "जब तक हाईकोर्ट याचिका पर फैसला नहीं सुना देता, तब तक शव का अंतिम संस्कार/दफन नहीं किया जाए।" पीठ ने हाईकोर्ट से दुर्गा पूजा की छुट्टियों के बाद दोबारा खुलने पर याचिका पर विचार करने का अनुरोध किया।
 
पीठ ने कहा कि वह सभी दलीलों को खुला छोड़ रही है और मामले के गुण-दोष पर कोई राय नहीं दे रही है।
 
याचिकाकर्ता राजा चंद्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने दलील दी कि उनके पिता को कथित तौर पर एक फर्जी मुठभेड़ में प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई और पुलिस शव को ठिकाने लगाने की कोशिश कर रही है।
 
राज्य पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एक मुठभेड़ में दो लोग मारे गए थे और याचिकाकर्ता के पिता पर सात राज्यों ने 7 करोड़ रुपये का इनाम रखा था।
 
उन्होंने पीठ को बताया कि उसी मुठभेड़ में मारे गए एक माओवादी का शव उसके परिवार को दे दिया गया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया, जबकि याचिकाकर्ता के पिता का शव अस्पताल में था।
 
मेहता ने कहा कि पोस्टमार्टम वीडियो रिकॉर्डिंग के तहत किया गया था और पुलिस पर किसी भी तरह की दुर्भावना का आरोप नहीं लगाया जा सकता।
 
पीठ ने कहा कि याचिका में कथित फर्जी मुठभेड़ की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी, अधिमानतः सीबीआई द्वारा, जिसमें छत्तीसगढ़ के अधिकारी शामिल न हों, और नए सिरे से पोस्टमार्टम कराने की मांग की गई है।
 
पीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन मामले को तत्काल सूचीबद्ध नहीं किया जा सका क्योंकि उच्च न्यायालय अवकाश पर था और इसलिए उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
 
पीठ ने इन निर्देशों के साथ याचिका का निपटारा कर दिया।
 
वकील सत्य मित्रा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि यह याचिकाकर्ता के पिता कथा रामचंद्र रेड्डी की कथित फर्जी मुठभेड़ और हत्या पर चिंता व्यक्त करती है।
 
याचिकाकर्ता राजा चंद्रा, जो हैदराबाद स्थित नालसार विधि विश्वविद्यालय में शोधकर्ता रहे हैं, ने छत्तीसगढ़ सरकार को अपने पिता के शव को सरकारी मुर्दाघर में सुरक्षित रखने, पोस्टमार्टम करने और सीबीआई को छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर के अधिकारियों से उनके पिता की मृत्यु/हत्या की जाँच करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
 
कथा रामचंद्र रेड्डी और कादरी सत्यनारायण रेड्डी दोनों 22 सितंबर को हुई मुठभेड़ में मारे गए थे।