दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)
दार्जिलिंग और मिरिक की पहाड़ियों में रविवार को लगातार मूसलाधार बारिश के चलते भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में कई बच्चे भी शामिल हैं, जबकि कई लोग घायल हैं और सैकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, बारिश और भूस्खलन के कारण कई घर मलबे में दब गए, सड़कें टूट गईं, और दूरदराज के गांवों से संपर्क कट गया। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मिरिक, सरसली, जसबीरगांव, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र रहे।
एनडीआरएफ और राज्य प्रशासन की संयुक्त रिपोर्ट में बताया गया कि जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में पांच शव मलबे से बरामद किए गए।
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि दार्जिलिंग, मिरिक और जलपाईगुड़ी में कुल 23 लोगों की जान गई है।दार्जिलिंग के एसडीओ रिचर्ड लेप्चा ने पुष्टि की कि "कल रात से लगातार बारिश के कारण उपखंड में 7 लोगों की मौत हुई है और राहत कार्य तेजी से जारी है।"
मिरिक में कम से कम 11 मौतें हुई हैं और 7 लोगों को बचाया गया है।गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के सीईओ अनित थापा ने बताया कि दार्जिलिंग में 35 स्थानों पर भूस्खलन की खबर है।
दुर्गा पूजा के बाद छुट्टियां मनाने आए सैकड़ों पर्यटक, जो मिरिक, घूम और लेपचाजगत जैसे स्थलों पर जा रहे थे, अब पहाड़ियों में फंसे हुए हैं।मिरिक-सुखियापोखरी जैसी मुख्य सड़कों पर यातायात बंद हो गया है और संचार व्यवस्था भी चरमरा गई है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को मुआवजे और उनके एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है (हालांकि राशि का उल्लेख नहीं किया गया)।
उन्होंने कहा कि वह 6 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक उत्तर बंगाल पहुंचेंगी और हालात का जायज़ा लेंगी।बनर्जी ने टीवी चैनल से बातचीत में कहा:“यह स्थिति बहुत गंभीर है। केवल 12 घंटे में 300 मिमी से अधिक बारिश हुई है। सात स्थानों पर भारी भूस्खलन की खबर है। मैं सुबह से हालात पर नजर बनाए हुए हूं।”
बनर्जी ने होटल मालिकों से अपील की कि वे पर्यटकों से अतिरिक्त पैसे न लें और पर्यटकों से अनुरोध किया कि वे घबराएं नहीं और सुरक्षित रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा:“दार्जिलिंग में हुई जानमाल की क्षति से बेहद दुखी हूं। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। केंद्र सरकार हरसंभव मदद देगी।”
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग समेत उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के लिए 6 अक्टूबर तक "रेड अलर्ट" जारी किया है।आईएमडी ने अधिक भूस्खलन और सड़कें बाधित होने की चेतावनी दी है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लगातार बारिश के कारण बचाव अभियान बाधित हो रहा है। पहाड़ी ढलानों पर भारी मशीनों का इस्तेमाल बेहद कठिन हो गया है।
एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और गैर सरकारी संगठन (NGOs) मिलकर अस्थायी राहत शिविर चला रहे हैं और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
दार्जिलिंग की पहाड़ियों में इस प्राकृतिक आपदा ने कई जिंदगियां छीन ली हैं और हजारों लोगों को प्रभावित किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। पर्यटकों और स्थानीय लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए आने वाले दिन और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।