शिमला
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते मंगलवार को भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से भारी तबाही मची। पांच लोगों की मौत हो गई और चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 1,337 सड़कें बंद हो गई हैं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने हालात पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।
सोलन जिले के समलोह गांव में एक मकान गिरने से हेमलता नामक महिला की मौत हो गई, जबकि उसके पति, चार बच्चे और बुज़ुर्ग सास को हल्की चोटें आईं।
कुल्लू के ढालपुर क्षेत्र में भी एक घर गिरा। मलबे से एक पुरुष और महिला को निकाला गया, लेकिन महिला की जान नहीं बच सकी।
मंडी में पड्डल गुरुद्वारा के पीछे हुए भूस्खलन से दो मकान क्षतिग्रस्त हुए, लेकिन समय रहते लोगों को निकाल लिया गया।
मौसम विभाग ने कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और किन्नौर जिलों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' और ऊना व बिलासपुर जिलों के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया है।
शिमला में सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थान बुधवार को बंद रहेंगे। ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी।
प्रदेश में 1,337 सड़कें बंद हैं, जिनमें
मंडी में 282,
शिमला में 255,
चंबा में 239,
कुल्लू में 205 और
सिरमौर में 140 सड़कें शामिल हैं।
एनएच-3 (मंडी-धरमपुर), एनएच-305 (औट-सैंज), एनएच-5 (हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग), एनएच-21 (चंडीगढ़-मनाली), एनएच-505 और एनएच-707 बाधित हैं।
शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग भी सोलन के सनवारा में भूस्खलन के कारण बंद है।
शिमला-कालका रेलवे ट्रैक भी भूस्खलन की चपेट में आ गया है, जिससे ट्रेन सेवाएं 5 सितंबर तक स्थगित कर दी गई हैं।
2180 बिजली ट्रांसफार्मर और
777 जल आपूर्ति योजनाएं ठप पड़ी हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य को "आपदा प्रभावित राज्य" घोषित किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग की है और बताया:
जिनके घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें ₹7 लाख की सहायता मिलेगी।
यदि घरों के अंदर का सामान नष्ट हुआ है, तो ₹70,000 अतिरिक्त दिए जाएंगे।
आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए ₹1 लाख की सहायता दी जाएगी।
मनालसू नाले का जलस्तर बढ़ने से मनलाई के 9 गांव बाहरी दुनिया से कट गए हैं।
बिलासपुर के डडवाल गांव में दरारें पड़ने के कारण 16 परिवारों को घर खाली करने को कहा गया।
कुल्लू के अन्नी क्षेत्र में एक निर्माणाधीन मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया, लेकिन घर पहले से खाली था।
हिमाचल पुलिस में आरक्षी पद के दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया बारिश के कारण स्थगित कर दी गई है। अब यह 24 से 29 सितंबर के बीच होगी।
चंबा में करीब 5,000 मणिमहेश तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं। अब तक 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।
नैना देवी में सबसे अधिक 198.2 मिमी बारिश दर्ज की गई।
मनाली (89 मिमी), मंडी (78.2 मिमी), धर्मशाला (76.3 मिमी), चंबा (72 मिमी), ऊना (57 मिमी) सहित कई जिलों में भारी वर्षा हुई।
अब तक 340 लोगों की मौत,
41 लोग लापता,
और ₹3,158 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मानसून शुरू होने के बाद से अब तक
95 बार अचानक बाढ़,
45 बार बादल फटना,
और 115 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं।