उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-04-2022
उमर खालिद
उमर खालिद

 

नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को कार्यकर्ता उमर खालिद की अपील की सुनवाई शुक्रवार के लिए टाल दी. कोर्ट ने कहा कि उनके कथित 'आपत्तिजनक भाषण' की व्याख्या करने वाले उनके नए दस्तावेज अभी नहीं आए हैं. खालिद ने निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे की बड़ी साजिश के सिलसिले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था.


नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध के दौरान अमरावती में दिए गए उनके कथित आपत्तिजनक भाषण उनके खिलाफ आरोपों का आधार है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कथित भाषणों में इस्तेमाल किए गए 'क्रांतिकारी' और 'इंकलाब' शब्दों के मतलब का ब्योरा देते हुए सामग्री और केस कानून पेश किए.

 

बुधवार को, जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने उनसे पूछा था कि क्या प्रधानमंत्री के खिलाफ 'जुमला' शब्द का इस्तेमाल करना उचित है.

 

सुनवाई के दौरान जस्टिस मृदुल ने पूछा, "यह जुमला शब्द भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है. क्या यह उचित है?" जिस पर वकील ने कहा कि सरकार की नीतियों की आलोचना करना गैर कानूनी नहीं है.

 

इससे पहले 22 अप्रैल को, पीठ ने कहा था कि अमरावती में उमर खालिद द्वारा दिया गया भाषण 'आक्रामक और अप्रिय' था. पीठ ने पूछा, "क्या गांधीजी ने कभी इस भाषा का इस्तेमाल किया था? क्या शहीद भगत सिंह ने कभी ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया था? हमें अभिव्यक्ति की आजादी की अनुमति देने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आप क्या कह रहे हैं?"