मुंबई
महाराष्ट्र में डॉक्टरों ने राज्य सरकार के उस फैसले के खिलाफ गुरुवार को 24 घंटे की हड़ताल की, जिसमें आधुनिक फार्माकोलॉजी में सर्टिफिकेट कोर्स पूरा करने वाले होम्योपैथिक डॉक्टरों को राज्य मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण की अनुमति दी गई है।
भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. संतोष कदम ने बताया कि राज्य भर में लगभग 1.8 लाख एलोपैथिक डॉक्टर, जिनमें प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर भी शामिल हैं, इस हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं। हालांकि, सभी आपातकालीन और गंभीर सेवाएं जारी रहीं।
डॉक्टरों का यह भी दावा है कि प्रमाणित होम्योपैथिक डॉक्टरों को एलोपैथिक दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन की अनुमति देना मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता के लिए गंभीर खतरा है।
इस साल की शुरुआत में, राज्य सरकार ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (MMC) को निर्देश दिया था कि वे उन होम्योपैथों का पंजीकरण करें जिन्होंने एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स इन मॉडर्न फार्माकोलॉजी (CCMP) पूरा किया है, ताकि वे चुनिंदा मामलों में एलोपैथिक दवाएं लिख सकें।
लेकिन, आईएमए महाराष्ट्र के सदस्यों ने इस फैसले को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मुलाकात कर मरीजों के बीच भ्रम की स्थिति बताई, जिसके बाद यह नोटिफिकेशन वापस ले लिया गया था।
हालांकि, सरकार ने 5 सितंबर को पुनः एक नया सर्कुलर जारी कर पंजीकरण प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया।
इस नए सरकारी आदेश (GR) के खिलाफ एलोपैथिक डॉक्टरों में भारी असंतोष है, जिसके कारण उन्होंने 24 घंटे की हड़ताल का निर्णय लिया।
सरकारी और मुंबई महानगरपालिका के मेडिकल कॉलेजों के सभी रेजिडेंट डॉक्टर संगठन, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशंस, एसोसिएशन ऑफ स्टेट मेडिकल इंटर्न्स और सरकारी मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और हड़ताल में भाग ले रहे हैं।