ज्ञानवापी मामला : वजूखाना के सर्वेक्षण की मांग की याचिका पर सुनवाई टली

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 07-10-2025
Gyanvapi case: Hearing on petition seeking survey of Wajukhana deferred
Gyanvapi case: Hearing on petition seeking survey of Wajukhana deferred

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर कथित शिवलिंग को छोड़कर बाकी क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण कराने की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई टाल दी और अगली तिथि 10 नवंबर तय की।

यह मामला मंगलवार को जब न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत में सुनवाई के लिए आया, तब अदालत को बताया गया कि वर्ष 2020 की रिट याचिका (दीवानी) 1246 (अश्विनी उपाध्याय बनाम केंद्र सरकार एवं अन्य) में उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश अब भी प्रभावी है।
 
उच्चतम न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में निर्देश दिया था कि यद्यपि नए मुकदमे दाखिल किए जा सकते हैं, कोई भी मुकदमे पंजीकृत नहीं किए जाएंगे और अगले आदेश तक उन मुकदमों में कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।
 
इसके अलावा, उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि देशभर में कोई भी अदालत सर्वेक्षण आदि के निर्देश संबंधी आदेशों सहित कोई प्रभावी अंतरिम आदेश या अंतिम आदेश पारित नहीं करेगी।
 
यह पुनरीक्षण याचिका वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 अक्टूबर, 2023 के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई है जिसमें जिला न्यायाधीश ने ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाना क्षेत्र (कथित शिवलिंग को छोड़कर) का सर्वेक्षण करने का एएसआई को निर्देश देने से मना कर दिया था।
 
वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना वाद में शामिल वादकारियों में से एक राखी सिंह ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में दलील दी है कि न्याय हित में वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण आवश्यक है क्योंकि इससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
 
उनका यह भी कहना है कि वजूखाना क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इससे संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित हो सकेगा।
 
उल्लेखनीय है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का पहले ही सर्वेक्षण कर चुका है और वाराणसी के जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एएसआई ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई, 2023 के आदेश के तहत सर्वेक्षण किया था।