आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार उत्तर बंगाल में पिछले सप्ताह भूस्खलन और बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए घरों, सड़कों और पुलों के पुनर्निर्माण के लिए पूरी सहायता देगी। उन्होंने सबसे अधिक प्रभावित पहाड़ी शहर मिरिक में शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की और पीड़ितों को मुआवजे के चेक सौंपे।
दार्जिलिंग जिले के मिरिक के दूधिया क्षेत्र में आपदा के बाद की स्थिति की समीक्षा करते हुए बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को पुनर्वास के लिए सहायता मिले।
स्थानीय निवासियों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "जिनके घर नष्ट हो गए हैं, हम उनका ख्याल रखेंगे।" उन्होंने अधिकारियों को क्षतिग्रस्त घरों और अन्य ढांचों की विस्तृत सूची तैयार करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मिरिक को मैदानी इलाकों से जोड़ने वाले अस्थायी पुल का 15 दिनों के भीतर पुनर्निर्माण किया जाएगा ताकि आपदा के बाद सड़क संपर्क बहाल किया जा सके।
उन्होंने कहा, "शुरू में अधिकारियों ने मुझे बताया था कि पुल के निर्माण में एक महीने का समय लगेगा, लेकिन विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि काम 15 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाना चाहिए।"
बनर्जी ने कहा कि दूधिया में स्थायी पुल भी एक साल के भीतर बन जाएगा। उन्होंने कहा, "हमने तुरंत एक वैकल्पिक पुल बनाने का फैसला किया है ताकि संपर्क बाधित न हो। हमारे इंजीनियर मिरिक और नागराकाटा में चार-पांच क्षतिग्रस्त पुलों पर एक साथ काम कर रहे हैं।"
रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी के बीच सड़क मार्ग से मिरिक पहुंचीं बनर्जी ने स्थानीय निवासियों से बातचीत की। उन्होंने आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें मुआवजे के चेक सौंपे।
शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना देते हुए बनर्जी ने कहा, "जब जान चली जाती है, तो कोई भी प्रयास पर्याप्त नहीं होता। घर तो दोबारा बनाया जा सकता है, लेकिन एक बार गई जिंदगी को वापस नहीं लाया जा सकता। हमें आपके नुकसान से गहरा दुख हुआ है।"