गुजरात: आसाराम बापू की जमानत 21 अगस्त तक बढ़ाई गई

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 08-08-2025
Gujarat: Asaram Bapu's bail extended till August 21
Gujarat: Asaram Bapu's bail extended till August 21

 

गांधीनगर (गुजरात)

गुजरात उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को बलात्कार के एक मामले में आसाराम बापू की जमानत 21 अगस्त तक बढ़ा दी है। यह राहत चिकित्सकीय आधार पर दी गई है।

आसाराम अगस्त 2013 से जेल में बंद हैं। उन पर एक नाबालिग स्कूल छात्रा के साथ बलात्कार का आरोप है। पीड़िता के माता-पिता उनके अनुयायी थे और शिकायत के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।

दो महीने बाद, आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर सूरत स्थित आश्रम में दो बहनों के साथ बलात्कार के आरोप में एक और मामला दर्ज किया गया था।

इससे पहले जनवरी 2025 में, सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में आसाराम को मार्च के अंत तक अंतरिम जमानत दी थी।

न्यायमूर्ति एमएम सुंद्रेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने आदेश दिया था कि:

  • आसाराम साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने का प्रयास नहीं करेंगे।

  • वह अपनी जमानत अवधि के दौरान किसी अनुयायी से नहीं मिलेंगे।

  • तीन पुलिसकर्मी उनकी निगरानी में रहेंगे, लेकिन वे उनके इलाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

पीठ ने यह भी माना कि आसाराम की उम्र संबंधी कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं, और उन्हें दो बार दिल का दौरा भी पड़ चुका है। इसी आधार पर अदालत ने कहा:

"हम याचिकाकर्ता को चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने के इच्छुक हैं। वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और अनुयायियों से दूर रहेंगे।"

आसाराम वर्तमान में जोधपुर केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और उन्नत इलाज की जरूरत का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी।

साथ ही, आसाराम ने गुजरात के एक बलात्कार मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की भी अपील की थी।

जनवरी 2023 में गांधीनगर की एक सत्र अदालत ने उन्हें एक महिला अनुयायी के साथ 2013 में सूरत आश्रम में बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया था और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

इसके खिलाफ दायर अपील की सुनवाई के दौरान, गुजरात उच्च न्यायालय ने अगस्त 2023 में उनकी सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया था।