गोयल ने सिंगापुर के साथ भारतीय पोत परिवहन क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 03-06-2025
Goyal discusses opportunities in Indian shipping sector with Singapore
Goyal discusses opportunities in Indian shipping sector with Singapore

 

पेरिस
 
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री गण किम योंग के साथ मंगलवार को बैठक की और भारतीय परिवहन परिवहन क्षेत्र को बढ़ावा देने एवं आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के व्यापक अवसरों पर चर्चा की. थोक व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए फ्रांस के नेता और संकल्प से मुलाकात के लिए यहां संयुक्त राज्य अमेरिका में आधिकारिक यात्राएं की जाती हैं. इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंध गहरा करना है.
 
मंत्री ने पिछले तीन दिनों में बड़ी कंपनी के मुख्य अधिकारियों (सीईओ) और कंपनी के साथ कई बैठकें की हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतिह बिरोल, नाइजीरिया के व्यापार मंत्री जुमोके ओडुवोले, फ्रांस के उद्योग एवं वित्त मंत्री एरिक लोम्बार्ड, मोटर वाहन कंपनी वेलियो ग्रुप के सीईओ क्रिस्टोफ पेरिलाट और लोरियल ग्रुप के सीईओ निकोलस हिरोनिमस के साथ मिलकर भारत में निवेश के विशाल अवसरों का उल्लेख किया.
 
सोशोइल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि उन्होंने सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री और व्यापार उद्योग एवं मंत्री गान किम योंग के साथ बैठक की.
उन्होंने कहा, ''हमारे उद्यम व्यापार एवं निवेश को बढ़ाने पर चर्चा की गई.'' साथ ही, भारत में विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर पॉट ट्रांसपोर्ट क्षेत्र द्वारा प्रदान किए गए व्यापक अवसरों का उल्लेख किया गया है.''
 
पोर्ट ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की चर्चा में कई नाम महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत में इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है और इससे व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ट्रांसपोर्ट लागत में कमी आएगी. लाल सागर संकट के दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कई नाटकों का सामना करना पड़ा और विदेशी पोर्ट ट्रांसपोर्ट ट्रांसपोर्ट द्वारा लगाए गए उच्च शुल्क के कारण माल की डिलीवरी में तेजी से वृद्धि हुई.
 
केंद्रीय बजट में भारत के पोट ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की विशाल क्षमता को साकार करने के लिए प्रोत्साहन दिया गया है. बजट में शेयर या ऋण के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत के समुद्री क्षेत्र का समर्थन करने के लिए समुद्री विकास कोष (एम ऋण) की स्थापना का प्रस्ताव भी दिया गया है. इस कोष से जहाज़ की प्राप्ति के हिस्से में सीधे लाभ की प्राप्ति होगी.