आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
सरकार ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अफीम पोस्ता की खेती के लिए फसल वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक लाइसेंस नीति की घोषणा की.
लगभग 1.21 लाख किसान लाइसेंस पा सकते हैं। इस साल किसान लाइसेंस में 23.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इन तीन राज्यों में पिछले फसल वर्ष के मुकाबले 15,000 अतिरिक्त किसानों को शामिल किया गया है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''केंद्र सरकार ने आज मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अफीम पोस्त की खेती हेतु लाइसेंस की वार्षिक लाइसेंसिंग ति घोषित की है.
अफीम फसल वर्ष एक अक्टूबर, 2025 से 30 सितंबर, 2026 तक चलता है.
बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए एल्कलॉइड की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित के प्रयास कर रही है.
नयी नीति के तहत ऐसे मौजूदा अफीम गोंद उत्पादकों को बनाए रखा जाएगा, जिन्होंने प्रति हेक्टेयर 4.2 किलोग्राम या उससे अधिक औसत मॉर्फिन उपज (एमक्यूवाई-एम) हासिल की है.
सरकार पोस्ता भूसा सांद्रण (सीपीएस) खेती के तहत फसल वर्ष 2025-26 के लिए उन किसानों के लाइसेंस निलंबित करेगी, जिन्होंने पिछले फसल वर्ष (2024-25) के दौरान 800 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की निर्धारित न्यूनतम योग्यता उपज (एमक्यूवाई) के लक्ष्य को पूरा नहीं किया था.