विदेश मंत्री जयशंकर का दो टूक संदेश: पड़ोसी देशों से हर समय सुगमता की उम्मीद नहीं की जा सकती

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-06-2025
Foreign Minister Jaishankar's clear message: Neighbouring countries cannot be expected to be friendly all the time
Foreign Minister Jaishankar's clear message: Neighbouring countries cannot be expected to be friendly all the time

 

नई दिल्ली

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को एक संवाद सत्र में पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों को लेकर स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भारत को अपने पड़ोसी देशों से हर समय सुगमता या सहज संबंध की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि क्षेत्रीय राजनीति में जटिलताएं बनी रहती हैं।

डीडी इंडिया पर आयोजित इस संवाद के दौरान जयशंकर ने बिना किसी देश का नाम लिए कहा, "हमारे प्रत्येक पड़ोसी को यह समझना चाहिए कि भारत के साथ सहयोग करने से उन्हें लाभ होगा, जबकि भारत से दूरी बनाने की एक कीमत चुकानी पड़ सकती है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि "कुछ देशों को यह बात जल्दी समझ आती है, जबकि कुछ को इसमें अधिक समय लगता है।"

जयशंकर ने इस संदर्भ में पाकिस्तान को अपवाद बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की पहचान ही शत्रुता के भाव और सेना के प्रभुत्व के आधार पर बनी है, इसलिए उसे इस सामान्य तर्क से अलग समझना होगा।

उन्होंने यह बातचीत एक रणनीतिक विशेषज्ञ के साथ की, जिसमें पिछले 11 वर्षों में भारत की विदेश नीति, अमेरिका और चीन जैसे वैश्विक शक्तियों के प्रति बदले रुख और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई।

अमेरिका के साथ संबंधों पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा, "अमेरिका को लेकर पूर्वानुमान लगाना मुश्किल होता है। इसलिए हमारी कोशिश यही रहती है कि अधिक से अधिक क्षेत्रों में संबंध मजबूत करके स्थायित्व बनाया जाए।"

चीन के संदर्भ में उन्होंने दो टूक कहा कि यदि भारत को चीन का सामना करना है तो उसके लिए क्षमताओं को बेहतर बनाना अनिवार्य है। उन्होंने माना कि भारत इस मोर्चे पर कठिन दौर से गुजर चुका है, इसलिए भविष्य में आत्मनिर्भरता और ताकत बढ़ाना रणनीतिक दृष्टि से जरूरी है।

जयशंकर ने बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में भारत की विदेश नीति में आए बदलावों पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत ने अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को गहरा किया है, खाड़ी देशों के साथ अभूतपूर्व नजदीकी बनाई है और आसियान व हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी भारत की उपस्थिति को मजबूत किया है।

बातचीत का वीडियो जयशंकर ने अपने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर साझा किया, जिसमें उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक भू-राजनीतिक परिवर्तनों में भारत की भूमिका और नीति पर विस्तार से विचार रखे।