आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
प्रख्यात इस्लामिक विद्वान, दूरदर्शी शिक्षाविद् और पारंपरिक इस्लामी शिक्षा प्रणाली में आधुनिक ज्ञान के समावेश के समर्थक मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी का निधन हो गया है
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मौलाना वस्तानवी महाराष्ट्र के अक्कलकुवा स्थित जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम के संस्थापक और रेक्टर थे। उनके नेतृत्व में यह संस्थान भारत के प्रमुख इस्लामी एवं आधुनिक शिक्षण संस्थानों में शामिल हो गया.
उनकी अगुवाई में जामिया ने भारतीय चिकित्सा विज्ञान और अनुसंधान संस्थान (IIMSR) की स्थापना की — यह भारत का पहला अल्पसंख्यक-संचालित मेडिकल कॉलेज है जिसे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की मान्यता प्राप्त हुई.
वर्ष 2011 में, मौलाना वस्तानवी को विश्व के सर्वाधिक प्रतिष्ठित इस्लामिक शिक्षण संस्थानों में शुमार दारुल उलूम देवबंद का कुलपति (मोहतमिम) नियुक्त किया गया.
हालांकि, कुछ आंतरिक मतभेदों के चलते उनका कार्यकाल अल्पकालिक रहा, लेकिन उनकी नियुक्ति को मदरसा शिक्षा प्रणाली में सुधार और आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया.
मौलाना वस्तानवी के निधन से भारतीय इस्लामिक शिक्षा जगत ने एक प्रभावशाली और दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता को खो दिया है, जिन्होंने धार्मिक परंपराओं के साथ आधुनिक विज्ञान और तकनीकी शिक्षा के सामंजस्य की राह दिखाई.