धर्मांतरण मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, यूपी-मुंबई में 14 ठिकानों पर छापेमारी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 17-07-2025
ED takes major action in Changur Baba conversion case, raids 14 locations in UP-Mumbai
ED takes major action in Changur Baba conversion case, raids 14 locations in UP-Mumbai

 

नई दिल्ली

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार सुबह चंगूर बाबा धर्मांतरण मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश और मुंबई में 14 स्थानों पर छापेमारी की। इनमें से 12 ठिकाने बलरामपुर जिले के उतरौला में और दो मुंबई में हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई सुबह 5 बजे शुरू हुई। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग और विदेश से मिलने वाले फंडिंग के जरिये अवैध धर्मांतरण के कोण की जांच कर रही है।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब ईडी ने हाल ही में जमालुद्दीन उर्फ चंगूर बाबा के खिलाफ औपचारिक जांच शुरू की थी। उन पर धर्मांतरण, विदेशी फंड का दुरुपयोग और ऐसी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।

106 करोड़ रुपये और 40 बैंक खाते

ईडी ने 9 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की थी। जांच में खुलासा हुआ कि चंगूर बाबा के पास लगभग 106 करोड़ रुपये की राशि है, जो मुख्यतः मध्य पूर्व देशों से आई और यह रकम 40 बैंक खातों में जमा की गई थी।

10 जुलाई को ईडी ने स्थानीय पुलिस, जिला प्रशासन और कई बैंकों से विस्तृत जानकारी मांगी थी। एजेंसी का कहना है कि वह यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि विदेशी फंड का स्रोत और उपयोग कहां-कहां हुआ।

एटीएस की गिरफ्त में चंगूर बाबा और सहयोगी

ईडी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि चंगूर बाबा और उनकी करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसीरीन को 5 जुलाई को लखनऊ के एक होटल से एटीएस ने गिरफ्तार किया था। उन्हें 16 जुलाई तक हिरासत में रखा गया।

इसके बाद प्रशासन ने मधुपुर स्थित चंगूर बाबा के घर और अन्य अवैध रूप से बनाई गई संपत्तियों को गिराने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

धर्मांतरण और विदेशी नेटवर्क का आरोप

बलरामपुर जिले के मधुपुर गांव के निवासी चंगूर बाबा पर आरोप है कि उन्होंने चांद औलिया दरगाह के जरिए एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया, जहां भारतीय और विदेशी नागरिकों की मौजूदगी में धार्मिक प्रवचन और सभाएं आयोजित की जाती थीं।

अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने ‘शिजरा-ए-तैय्यबा’ नामक पुस्तक के प्रकाशन, मनोवैज्ञानिक प्रभाव और अन्य तरीकों से हिंदुओं, अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया।

एफआईआर में कहा गया है कि चंगूर बाबा ने कुछ ही वर्षों में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जुटाई और बड़े पैमाने पर बिना अनुमति के आवासीय, व्यावसायिक और संस्थागत निर्माण किया।

ईडी ने कहा है कि वित्तीय लेनदेन और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।